अमेरिका के नेतृत्व वाले इंडो पैसेफिक इकॉनोमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोसपैरिटी (IPEF) में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत भी शामिल हो गया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। पीयूष गोयल ने कहा कि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला लचीली और मजबूत होगी। भारत और अमेरिका के अलावा इस आपूर्ति श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनेई, फिजी, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणतंत्र, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम सदस्य देश हैं।
चीन के दबदबे को कम करने की कोशिश
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला सामर्थ्य समझौते को चीन के दबदबे को कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि अभी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर चीन का प्रभुत्व है। कोरोना महामारी के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह बाधित हुई। प्रस्तावित समझौते के तहत आईपीईएफ के सहयोगी देश मिलकर आपूर्ति श्रृंखला के खतरों से मिलकर निपटेंगे। साथ ही संकट के समय बेहतर समन्वय और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के बाधित होने पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक फ्रेमवर्क बनाया जाएगा। साथ ही छोटे और मध्यम वर्ग के उद्योगों और इनके कामगारों को इस समझौते से फायदा हो। इस समझौते से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अहम सेक्टर्स और अहम उत्पादों के उत्पादन के लिए पर्याप्त मात्रा में स्किल कामगारों की उपलब्धता रहे। साथ ही उनके स्किल को लगातार बेहतर भी किया जाएगा।
अमेरिका की वाणिज्य मंत्री ने दी जानकारी
अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रेमोंडो ने आईपीईएफ की मंत्री स्तर की बैठक के बाद मंगलवार को कहा कि इंडो पैसिफिक इकॉनोमिक फ्रेमवर्क के चार स्तंभों में से तीन स्तंभ पूरे हो गए हैं। बता दें कि फ्रेमवर्क के तहत जो चार स्तंभ तय किए गए हैं, उनमें आपूर्ति श्रृंखला, अक्षय ऊर्जा पर सहयोगा और भ्रष्टाचार से लड़ाई के साथ ही टैक्स चोरी पर रोक शामिल है। हालांकि उन्होंने समझौते की कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।
Compiled: up18 News
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