इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस में भारत के जनरल ने कहा, हम सभी देशों की संप्रुभता चाहते हैं

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दिल्ली में 13वें इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस में भारत के थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने मंगलवार को ये बाते कहीं। सेना और नेवी की यह दुनिया की सबसे बड़ी कांफ्रेंस है। मानेकशॉ सेंटर में 25 सितंबर से शुरू हुए इस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका और कनाडा समेत 22 देशों के आर्मी चीफ 27 सितंबर तक रहेंगे।

इंडो-पैसिफिक रिजन में चीन हमेशा से एकतरफा अधिकार जमाता रहा है। जनरल पांडेय ने चीन का नाम लिए बिना कहा- हम किसी भी तरह के विवाद का शंतिपूर्ण हल चाहते हैं। इसके लिए सभी देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए। लड़ाई से इसका समाधान नहीं हो सकता।

कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के आर्मी चीफ जनरल रैंडी जॉर्ज ने कहा- दुनिया में युद्ध का तरीका बदल रहा है। कॉन्फ्रेंस में शामिल देशों के बीच सैन्य समेत हर स्तर पर सहयोग मजबूत करना होगा। एक-दूसरे के साथ विश्वास बढ़ाना होगा। हमारी एकता-प्रतिबद्धता से संबंध और गहरे होते चले जाएंगे।

रक्षा मंत्री बोले, नेबरहुड फर्स्ट हमारी संस्कृति

इस सम्मेलन में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘नेबरहुड फर्स्ट’, प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृति की आधारशिला रही है। भारत का दृष्टिकोण इस क्षेत्र को इसकी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ द्वारा परिभाषित किया गया है।

मित्र देशों के साथ मजबूत सैन्य साझेदारी बनाने की दिशा में भारत के प्रयास न केवल हमारे अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने बल्कि हम सभी के सामने आने वाली महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

भारत और अमेरिका की सेनाएं मिलकर कर रहीं होस्ट

इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सेनाएं मिलकर कर रही हैं। सेना और नेवी की यह दुनिया की सबसे बड़ी कांफ्रेंस होती है।

इस कांफ्रेंस का मकसद आपसी समझ, संवाद और मित्रता के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है। इस साल के सम्मेलन का विषय- शांति के लिए एक साथ: भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है।

Compiled: up18 News