यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से दुनिया के कई देश खाद्य संकट में फँस गए हैं. सालों से आंतरिक और बाहरी युद्ध में फंसे देशों के लिए और मुश्किल स्थिति हो गई है. यमन उन्हीं देशों में से एक है
लेकिन इस मुश्किल वक़्त में भारत ने यमन में पिछले तीन महीने में 2,50,000 गेहूँ निर्यात किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने सोमवार को यमन पर ब्रीफिंग के दौरान कहा था कि ज़रूरतमंद देशों को भारत खाद्य और आर्थिक मदद कर रहा है
संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन राहत की समन्वयक और मानवीय मदद की असिस्टेंट महासचिव जॉयस एमसुया ने भारत की तारीफ़ की है. उन्होंने कहा कि यमन में भारत ने खाद्य सुरक्षा को लेकर अहम योगदान दिया है. प्रकाश गुप्ता ने जॉयस को शुक्रिया कहा है कि उन्होंने भारत के योगदान को रेखांकित किया.
जॉयस ने कहा कि यमन की खाद्य सुरक्षा 90 फ़ीसदी आयात से जुड़ी है और यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित हुई है. मार्च 2015 में सऊदी अरब की अगुवाई में बने आठ देशों के गठबंधन ने हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए थे. इस गठबंधन को अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी मदद मुहैया कराई. लेकिन इससे यमन में गृह युद्ध गहराया और आज तक किसी को जीत नहीं मिली.
-एजेंसी