अर्थव्यवस्था के मामले में जल्द जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ देगा भारत: उपराष्ट्रपति

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यूरोप में 15 दिन तक माननीय अटल जी का सानिध्य मिला

धनखड़ ने कहा, ‘‘1990 में मैं केंद्र सरकार में मंत्री था। हमारी सरकार को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन हासिल था। मुझे मंत्री की हैसियत से यूरोपीय संसद में जाने का सौभाग्य मिला। मुझे यूरोप में 15 दिन तक माननीय अटल जी का सानिध्य मिला। अटल जी बहुत याद आ रहे हैं। उनकी याद बहुत आती है और आज तो निश्चित रूप से आ रही है।’’

उपराष्ट्रपति ने देश के विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा….

उन्होंने कहा, ‘‘अटल जी सिद्धांतों पर अटल रहे और मार्मिक मुद्दों पर वह अत्यंत मुलायम थे। आज अटल जी होते तो वह देख पाते किअर्थव्यवस्था के चरमराने के समय जिस भारत को उन्होंने ढुलमुल होते देखा था आज वह भारत दुनिया के शिखर पर है।’’

उपराष्ट्रपति ने देश के विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था ने कनाडा को पीछे छोड़ा है, ब्रिटेन को पीछे छोड़ा है, फ्रांस को पीछे छोड़ा है और आज अर्थव्यवस्था के मामले में (भारत) दुनिया की पांचवीं महाशक्ति है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि दुनिया हमारा लोहा मानती है, आने वाले चार-पांच साल में जापान और जर्मनी भी हमारे पीछे होंगे और हमारा भारत दुनिया की तीसरी बड़ी महाशक्ति बनेगा। इस सबके लिए आवश्यक है कि हम स्वस्थ रहें।’धनखड़ ने कहा कि आप में कितनी भी प्रतिभा हो, कितनी योग्यता हो, कितना भी कौशल हो, आप स्वस्थ नहीं हैं तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे।

स्वच्छता अभियान और आयुष्‍मान भारत योजना की सराहना करते हुए कहा….

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की योजनाओं, स्वच्छता अभियान और आयुष्‍मान भारत योजना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ”140 करोड़ आबादी वाले देश में इस प्रकार की व्यवस्था कायम करना बहुत प्रशंसनीय है।”धनखड़ ने कहा कि ”अटल जी आज होते तो उनको बहुत खुशी मिलती। श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी को उद्धृत कर अटल जी कहते थे कि देश में दो निशान, दो विधान नहीं चलेंगे और आज यह जमीनी हकीकत है।”

स्वास्थ्य तभी ठीक रहेगा जब आपकी शासन व्यवस्था ठीक रहेगी: धनखड़

प्रधानमंत्री की योजनाओं से महिलाओं के स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभ और हर घर स्वच्छ नल आदि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ”आपका स्वास्थ्य तभी ठीक रहेगा जब आपकी शासन व्यवस्था ठीक रहेगी। शासन व्यवस्था यदि ठीक नहीं है, कानून-व्यवस्था कमजोर है, पारदर्शी नहीं है , शुचिता नहीं है तो स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।”

तकनीक से व्यवस्था में बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ”पहले दिल्‍ली से 100 रुपये भेजे जाते तो 10 रुपये भी नहीं पहुंचते थे लेकिन आज 100 प्रतिशत पैसा पहुंचता है। मैं किसान पुत्र हूं, किसान की समस्या जानता हूं और मेरा सीना चौड़ा हो जाता है जब मैं देखता हूं कि किसान का स्वास्थ्य कितना मजबूत है। आज किसानों को दिल्ली से प्रत्यक्ष रूप से धन मिलता है।”

-एजेंसी