भारत ने ओडिशा तट के पास अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (एसआरबीएम) ‘प्रलय’ का मंगलवार को सफल परीक्षण किया। एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।
आज सुबह प्रक्षेपित की गई मिसाइल
अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब नौ बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। उन्होंने बताया कि समुद्र तट के पास कई उपकरणों ने इसके प्रक्षेप पथ पर नजर रखी।
अधिकारी ने कहा कि ‘प्रलय’ 350-500 किलोमीटर की कम दूरी वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो 500 से 1,000 किलोग्राम का पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है।उन्होंने बताया कि ‘प्रलय’ को वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा के पास तैनात करने के लिए विकसित किया गया है।
दुश्मन के बंकर करेगी नष्ट
भारत की ये प्रलय मिसाइल दुश्मनों के लिए ‘प्रलय’ बन जाएगी। ये मिसाइल इंटरसेप्टर मिसाइलों को मात दे सकती है। बता दें कि इस मिसाइल को 2015 में बनाने का काम शुरू किया गया था। आज से पहले भी साल 2022 में भी इसका परीक्षण किया गया था। ये मिसाइल अपनी मारक क्षमता से दुश्मनों के अड्डे को एक बारी में बर्बाद कर देगी।
कुछ दिन पहले ब्रह्मोस मिसाइल का हुआ परीक्षण
भारतीय वायुसेना ने लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल ब्रह्मोस क्रूज का एक महीने पहले ही परीक्षण किया है। इस मिसाइल को फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई से लॉन्च किया गया। ये मिसाइल प्रलय से भी तीन गुनी ज्यादा दूरी यानी कि 1500 किलोमीटर तक हमला कर सकती है। जिसके कारण इसकी गिनती भारतीय वायुसेना के सबसे घातक हथियारों में होती है।
Compiled: up18 News
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.