जी-20 में भारत को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इस मौके पर भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने वाली एक बहुराष्ट्रीय रेल और शिपिंग परियोजना की घोषणा की गई है। यह चीन को एक बड़ी चुनौती देगा। इसके अलावा इससे पाकिस्तान को भी करारा जवाब मिलेगा। भारत लंबे समय से चाहता है उसे अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया तक पहुंचने का सीधा रास्ता मिले। लेकिन पाकिस्तान ने कभी रास्ता नहीं दिया, जिसका तोड़ अब भारत ने निकाल लिया है। इससे भारत यूरोप के साथ-साथ खाड़ी देशों तक एक झटके में पहुंच जाएगा।
पाकिस्तान लगातार इस बात पर घमंड करता रहा है कि बिना उसके चाहे भारत अफगानिस्तान और पश्चिमी देशों तक नहीं पहुंच सकता। पाकिस्तान मानता रहा कि भारत के खिलाफ उसके पास यह एक वीटो पावर है।
90 के दशक से ही भारत ने कई तरह के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रखा, लेकिन पाकिस्तान हमेशा इसे मना करता रहा। हालांकि ऐसा करने पाकिस्तान ने सिर्फ अपना ही नुकसान किया है। क्योंकि अगर पाकिस्तान रास्ता देता तो भारत को इसकी कीमत भी देनी पड़ती। पाकिस्तान चाहता तो आराम से सिर्फ रास्ता देकर हर साल करोड़ों डॉलर की कमाई कर लेता। लेकिन इस परियोजना से पाकिस्तान का भ्रम टूट गया है।
खाड़ी देश आएंगे करीब
भारत पाकिस्तान के रास्ता न देने पर ईरान के जरिए खाड़ी देशों तक पहुंचना चाहता था। ईरान से भारत के रिश्ते अच्छे हैं। लेकिन पश्चिम और ईरान के खराब संबंध हमेशा भारत का प्रोजेक्ट रोकते रहे। इस कॉरिडोर के जरिए भारत की यह समस्या भी खत्म हो गई है। यह कॉरिडोर अरब प्रायद्वीप के साथ भारत की रणनीतिक भागीदारी को गहरा करेगा। पिछले कुछ वर्षों में खाड़ी देश और भारत करीब आए हैं। यह दोनों के बीच स्थायी कनेक्टिविटी बनाने का बेहतर मौका है।
नवाज चाहते थे बॉर्डर खोलना
भारत के इस प्रोजेक्ट के सामने आने के बाद अब पाकिस्तानी अपनी सरकार पर भड़क रहे हैं। पाकिस्तान के पत्रकार उमर अजहर ने कहा, ‘दो बार नवाज शरीफ ने भारत के साथ बॉर्डर और व्यापार शुरू करने की इच्छा जताई। वह पाकिस्तान को क्षेत्र में एक ट्रांसपोर्ट हब बनाना चाहते थे। लेकिन दोनों ही बार पाकिस्तानी सेना ने उन्हें रोका। 1999 में कारगिल किया। 2014-15 में इमरान के जरिए, ‘मोदी का यार गद्दार है’ प्रोपेगेंडा चलाया। जबकि भारत पूरी ताकत से आगे बढ़ रहे हैं।’
चीन को मिलेगी टक्कर
पाकिस्तान भारत की जगह चीन को रास्ता देता रहा है। पीओके के जरिए चीन ग्वादर बंदरगाह तक पहुंचता है। इसके लिए चीन और पाकिस्तान के बीच एक कॉरिडोर का समझौता है। भारत के कॉरिडोर को सीधे तौर पर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विकल्प की तरह देखा जा रहा है। दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के कई देश इसमें शामिल हैं। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि यह गलियारा जितनी तेजी से शुरू होगा, उतनी ही तेजी से ड्रैगन को टक्कर मिलेगी।
Compiled: up18 News