यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष ने कहा, भारत ने डिजिटलीकरण में कमाल की सफलता हासिल की

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एआई में अपार संभावनाएं

यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा कि एक बात साफ है कि भविष्य डिजिटल होगा। इसलिए उनका फोकस एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि एआई के खतरे भी हैं लेकिन साथ ही इसमें अपार संभावनाएं भी छिपी हुई हैं। ऐसे में अहम सवाल ये है कि तेजी से बदलती तकनीक को किस तरह से उपयोग किया जाए। गौर करने वाली बात ये है कि एआई के अविष्कारक भी राजनेताओं से इसके नियमन की मांग कर चुके हैं।

‘एआई के खतरों को देखते हुए दुनिया को साथ आने की जरूरत’

यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष ने कहा कि ‘दुनिया अब जो करेगी, उससे ही हमारा भविष्य तय होगा। यूरोप और इसके सहयोगी देशों को एआई के खतरों को देखते हुए इसके लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है, जो हमें एआई के सामाजिक खतरों से बचाए और निवेशकों को सुरक्षित और जिम्मेदार एआई तकनीक के विकास के लिए प्रेरित करे।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से जलवायु के लिए आईपीसीसी है, उसी तरह का हमें एक निकाय एआई के लिए बनाने की जरूरत है। जिसमें वैज्ञानिकों, निवेशकों और एंटरप्रेन्योर्स को शामिल कर यह पता लगाया जाए कि एआई के संभावित खतरे क्या हो सकते हैं और इससे मानवता को क्या फायदा हो सकता है।’

भारत के डिजिटलीकरण की तारीफ की

यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष ने कहा कि ‘भविष्य के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहद अहम होगा। इससे उभर रहीं अर्थव्यवस्थाओं को काफी फायदा मिल सकता है। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने इस क्षेत्र में कमाल की सफलता हासिल की है। हम इस मामले में पीएम मोदी का समर्थन करते हैं।’

Compiled: up18 News