एशियाई चैंपियंस हॉकी ट्रॉफी पर भारत का चौथी बार कब्‍जा, आखिर में पलटी बाजी

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मलेशिया भले ही ट्रॉफी पर कब्ज़ा नहीं जमा सकी, पर उसके खेल ने भारतीय टीम को एक समय मुश्‍किल में डाल दिया था. शायद अनुभव की कमी ने उन्हें चैंपियन नहीं बनने दिया.

दो मिनट में दो गोलों ने करा दी वापसी

मलेशियाई टीम ने पहले हाफ़ में जिस तरह की हॉकी खेली, उससे भारतीय टीम की वापसी होती नहीं दिख रही थी. लेकिन हाफ़ टाइम तक 3-1 की बढ़त बना लेने के बाद मलेशिया का बढ़त को सुरक्षित रखने के लिए हमलों के बजाय बचाव पर ज़ोर देने की रणनीति ने भारत को लय में खेलने का मौका दे दिया.

इसकी वजह से भारतीय टीम के तीसरे क्वार्टर में हमलों का सिलसिला तेज़ हुआ. फिर भी सफलता उनसे रूठी रही. मुश्किल से इस क्वार्टर का डेढ़ मिनट का खेल बाकी रहने पर भारत ने दो गोल जमाकर 3-3 की बराबरी करके खेल में अपनी वापसी कर ली.

भारत के लिए दूसरा गोल हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी स्ट्रोक से किया और बराबरी दिलाने वाला गोल शमशेर द्वारा बनाए हमले पर गुरजंत सिंह ने किया.

मलेशिया ने इसके बाद अपना स्वाभाविक आक्रामक खेल खेलने का प्रयास किया पर तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी, क्योंकि भारतीय टीम पूरी रंगत में खेलने लगी थी.

विजयी गोल नायाब हॉकी का नमूना

भारतीय टीम बराबरी पर आने के बाद आख़िरी क्वार्टर में पूरी जान लगाकर खेली. सही मायनों में पूरे मैच में यह पहला मौका था, जब वह स्वाभाविक खेल खेलती नज़र आई. भारत के ताबड़तोड़ हमले बोलने से उसे गोल जमाने के तमाम मौक़े मिले पर इन मौकों को वह गोल में नहीं बदल पा रही थी.

भारत के पेनल्टी कॉर्नर खराब करने के अगले ही मिनट में कार्ति सेलवम ने गेंद को बढ़ाकर मनदीप को दिया और उन्होंने सर्किल में अंदर जाकर ख़ुद शॉट लेने के लिए सही स्थिति नहीं देखकर अपने पीछे आ रहे आकाशदीप को पीछे गेंद सरका दी और उन्होंने दनदनाते शॉट से गोल भेद दिया.
यह सब इतनी तेज़ी से हुआ कि मलेशिया के डिफेंस को बचाव के लिए तैयार होने का मौका ही नहीं मिल सका.

एशियाई खेलों के लिए बढ़ा है मनोबल

भारतीय उप-कप्तान हार्दिक सिंह ने मैच के बाद कहा कि यह खिताबी जीत अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हार्दिक की यह बात इसलिए मायने रखती है कि भारत को एशियाई खेलों में यहां खेली टीमों से ही खेलना है. भारत यहां सभी टीमों को हराने में कामयाब रहा है, इसलिए वह एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने का प्रयास करेगा. वहां गोल्ड जीतना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वहां के विजेता को सीधे 2024 के पेरिस ओलंपिक खेलों में खेलने का मौका मिल जाएगा.

भारत को यह याद रखना होगा कि इस चैंपियनशिप के दौरान उसे दो टीमें जापान और मलेशिया परेशान करने में सफल रहीं. एशियाई खेल चीन के हांगझू में होंगे, इसलिए समर्थन के लिए घरेलू दर्शक भी नहीं होंगे इसलिए टीम को और मज़बूत तैयारी के साथ जाना होगा.

Compiled: up18 News