आगरा: टीबी के खात्मे के लिए सरकार द्वारा एक और कदम उठाया गया है। अब प्राइवेट आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सक को टीबी मरीज के नोटिफिकेशन की सूचना देने पर 500 रूपये की धनराशि दी जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के हिसाब से यदि कोई भी प्राइवेट आयुर्वेदिक, एवं यूनानी चिकित्सक किसी भी टीबी के मरीज का उपचार करता है तो सबसे पहले इसकी सूचना निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक चिकित्सा केंद्र, जिला अस्पताल को अनिवार्य रूप से देनी होगी। उनके क्लीनिक पर कोई भी संभावित मरीज जिसे दो महीने से लगातार खांसी आ रही हो, बुखार आता हो, पसीना लगातार आता हो, बलगम में खून आता हो तथा लगातार वजन घटने के लक्षण दिखें तो ऐसे व्यक्ति को तत्काल जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र पर जांच के लिए रेफर किया जाए। नये मरीज को रेफर करने पर चिकित्सक को 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने बताया कि इसके लिए सभी प्राइवेट होम्यो पैथिक, आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सअकों की सूची तैयार की जा रही है। उन्होंने सभी चिकित्साकों से यह अनुरोध किया कि वह अधिक से अधिक क्षय रोग के लक्षण वाले मरीजों को जिला क्षय रोग विभाग या फिर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजें तथा क्षय रोग को जड़ से समाप्ते करने की मुहिम में विभाग का सहयोग करें। निजी क्षेत्र के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी डॉक्टर को टीबी मरीजों की सूचना भी निःक्षय पोर्टल पर दर्ज करनी होगी।
जिला पीपीएम समन्वयक कमल सिंह ने बताया कि अगर किसी प्राइवेट एमबीबीएस चिकित्सीक के यहां यदि किसी मरीज में क्षय रोग की पुष्टि होती है और वह उस मरीज को क्षय रोग विभाग में पंजीकृत कराता है तो उस चिकित्सीक को 500 रुपए प्रोत्साजहन राशि के तौर पर दिए जाते हैं।
-up18news
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