बॉन, जर्मनी। दुनिया की मिट्टी को विलुप्त होने से बचाने के मिशन पर सद्गुरु जग्गी वासुदेव, मिट्टी बचाओ अभियान के लिए 100-दिन की अपनी यात्रा के एक हिस्से रूप में, संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेज़र्टिफिकेशन (UNCCD) के कार्यकारी सचिव श्री इब्राहिम थाइव के साथ बॉन में चर्चा में शामिल हुए।
दोनों इस बात पर सहमत थे कि यह एहसास होना कि हमारे रोजमर्रा के जीवन की जरूरत की हर चीज मिट्टी से आती है और एक जागरूक प्रयास असली अंतर ला सकता है, इस कीमती संसाधन को बचाने और उसके क्षय को पलटने में पहला कदम है। ‘ज्यादातर सरकारें अभी भी मिट्टी से निष्क्रिय पदार्थ की तरह बर्ताव कर रही हैं, जिसमें आप केमिकल डालकर या निकालकर काम चला सकते हैं। हमें पहले यह जागरूकता लानी है कि हम जीवन से बर्ताव कर रहे हैं, पदार्थ से नहीं। मिट्टी संसाधन नहीं है, यह हमारे जीवन का स्रोत है,’ सद्गुरु ने कहा।
सद्गुरु और श्री थाइव सहमत थे कि भूमि और मिट्टी को बहाल करना, आज की पर्यावरण की अहम चुनौतियों का एक आसान और शक्तिशाली समाधान हो सकता है, जिनमें जलवायु परिवर्तन, जैवविधिता की हानि, और इको-सिस्टम का नष्ट होना शामिल हैं। 100-दिन की 25 देशों से होती हुई 30,000 किमी की सद्गुरु की यात्रा का मकसद, मिट्टी को पुनर्जीवित करने को एक प्राथमिकता बनाने के लिए नीति-निर्माताओं और जनता से अपील करना है।
सद्गुरु ने अपनी मोटरसाइकिल पर अभियान की अगुआई की, और बॉन शहर के अधिकारियों और जर्मनी में यूएन संगठनों के कार्यकारी प्रबंधन के द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ। UNCCD संयुक्त राष्ट्र का भूमि के लिए वैश्विक आवाज उठाने के लिए स्थापित किया गया संगठन है, जो उन तरीकों को प्रोत्साहन देता है जो भूमि का क्षरण नहीं होने देते, क्षरण को कम करते हैं, और पलटते हैं।
सद्गुरु ने कहा- UNCCD और मिट्टी बचाओ अभियान आबिदजान में UNCCD के COP15 सम्मेलन में इसी साल मई में पुनः मिलेंगे।