SCO सम्मेलन में पीएम मोदी ने आर्थिक और खाद्य आपूर्ति संकट से निपटने के उपाय बताए

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प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार रात समरकंद पहुंचे थे. आज वे सम्मेलन में शामिल हुए और अन्य नेताओं के साथ एक तस्वीर ट्वीट की.

आठ नेताओं की इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी सबसे दाहिनी ओर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ सबसे बाईं ओर खड़े दिखे.

एससीओ के प्रभावी नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव का शुक्रिया अदा किया.

पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है.

एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं. वहीं, विश्व की 40 प्रतिशत जनसंख्या इन देशों में निवास करती है इसलिए इन संकटों से निपटने में एससीओ देशों की भूमिका अहम है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी इकोनॉमी में सबसे अधिक होगी.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहा है और आज देश में 70 हज़ार से अधिक स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न (बिलियन डॉलर की कंपनी) हैं.

उन्होंने कहा कि ये अनुभव कई एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है. इस उद्देश्य के लिए वे ‘स्पेशल वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार्टअप्स एंड इनोवेशन’ की स्थापना करके एससीओ देशों के साथ अनुभव साझा करने को तैयार हैं.

मोटे अनाज की खेती पर जोर

उन्होंने कहा कि विश्व आज खाद्य सुरक्षा के संकट का सामना कर रहा है. इस समस्या का संभावित समाधान है- मोटे अनाज की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना.
यह एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ़ एससीओ देशों में बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जाता है.

उन्होंने कहा कि 2023 को ‘यूएन इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स’ के रूप में मनाया जाएगा. इसे बढ़ावा देने के लिए एससीओ के अंतर्गत ‘मिलेट्स फूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार किया जाना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत विश्व के ‘मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज़्म’ के लिए सबसे किफ़ायती जगहों में से एक है.

उन्होंने कहा कि एससीओ देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए और भारत इसके लिए नए ‘एससीओ वर्किंग ग्रुप ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन’ की पहल करेगा.

पीएम मोदी ने और क्या कहा

भारत एससीओ सदस्य देशों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.

महामारी और यूक्रेन संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन में कई बाधाएं पैदा हुईं, जिसकी वजह से पूरा विश्व ऊर्जा और खाद्य संकट का सामना कर रहा है.

एससीओ को इसके लिए विश्वस्त, लचीला और विविध चेन विकसित करने के प्रयास करने चाहिए. कनेक्टिविटी के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि एक-दूसरे को ट्रांजिट का पूरा अधिकार दें.

उन्होंने कहा कि भारत को एक ‘मैन्यूफैक्चरिंग हब’ बनाने की दिशा में प्रगति हो रही है.

-एजेंसी