नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद से संयुक्त सत्र को संबोधित किया। पहली बार नई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहीं राष्ट्रपति ने कहा कि यह नई इमारत ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का एहसास कराती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया। इस पर सदन में मौजूद सदस्यों ने मेज थपथपाकर बयान का स्वागत किया।
उन्होंने लगभग 74 मिनट के भाषण में चंद्रयान-तीन, नारी शक्ति वंदन कानून और अयोध्या के राम मंदिर समेत तमाम सरकारी परियोजनाओं का जिक्र किया।
संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। उन्होंने लगभग 74 मिनट के संबोधन में सरकार के विजन और देश में बीते 10 साल की अवधि में हुए कामकाज का विस्तार से जिक्र किया।
दो फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
अब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दो फरवरी को पेश किया जाएगा। दो फरवरी से दोनों सदनों में चर्चा शुरू होगी। सात फरवरी को प्रधानमंत्री धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे। इससे पहले एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम या लेखा अनुदान बजट लोकसभा में पेश करेंगी।
राष्ट्रपति ने अयोध्या और राम मंदिर का जिक्र किया, सांसदों ने दी बधाई
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की रक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों का जिक्र किया। उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र करते हुए कहा, सरकार विधायिका में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा, राम मंदिर के निर्माण की आकांक्षा सदियों से थी जो अब पूरी हुई है।
जम्मू-कश्मीर, महिला आरक्षण और आर्थिक नीतियों पर भी बातें
अभिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने, औपनिवेशिक आपराधिक कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए जाने, नारी वंदन अधिनियम और सरकार के कई अन्य कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने ने कहा कि दुनिया भर में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और लगातार पिछली दो तिमाही में देश की विकास दर साढ़े सात प्रतिशत रही।
– एजेंसी
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