उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक में गृहमंत्री के सामने उठाए गए अहम मुद्दे

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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बैठक शुरू होने के बाद सबसे पहले पंजाब में बाढ़ के मुद्दे को उठाया, जिसमें कहा कि जब पंजाब बाढ़ में डूब रहा था तो पानी की मांग करने वाले राज्यों ने पीठ दिखाई है। ऐसी समस्या आगे न आए, इसका हल निकालने की मांग सीएम मान द्वारा रखी गई है। इसके साथ ही बाढ़ के मुआवजे को लेकर भी चर्चा हुई है और बाढ़ राहत नियमों में भी बदलाव करने की मांग रखी गई।

इसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी पर हरियाणा के दखल का भी मुद्दा उठाया गया। सीएम ने कहा कि बीते 50 सालों में आज तक हरियाणा की तरफ से कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन की बात नहीं की, लेकिन अब ऐसा क्या हो गया कि उन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी से एफिलिएशन चाहिए।

इसके बाद पंजाब ने चंडीगढ़ के मुद्दे को भी एक बार फिर गृहमंत्री के सामने रखा। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब की जमीन पर बसाया गया था और हरियाणा का इस पर कोई हक नहीं है। इसी दौरान सीएम मान ने चंडीगढ़ में अलग जमीन देकर हरियाणा विधानसभा बनाने की मांग को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया। वहीं, पंजाब में सतलुज यमुना लिंक कनाल और शनन वॉटर प्रोजेक्ट पर भी बातचीत हुई है और हरियाणा को पानी देने से इंकार किया गया है।

ट्रैवल एजेंट्स पर सख्ती की मांग

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस दौरान ट्रैवल एजेंट्स पर भी सख्ती करने की भी मांग रखी। बीते लंबे समय से पंजाबी व कई भारतीय गलत एजेंट्स के हाथ आकर विदेशों में फंसे हुए हैं। वहीं, पंजाब में पैरामिलिट्री फोर्स को लेकर भी सीएम भगवंत मान ने मांग रखी है।

दोपहर डेढ़ बजे पहुंचे थे अमृतसर

गृहमंत्री अमित शाह आज दोपहर डेढ़ बजे अमृतसर पहुंच गए थे। एयरपोर्ट पर पंजाब कैबिनेट मिनिस्टर हरपाल चीमा और कुलदीप सिंह धालीवाल ने उनका स्वागत किया। इसके अलावा पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़, तरुण चुग, मनोरंजन लाल कालिया, अश्वनी शर्मा आदि भी उन्हें रिसीव करने पहुंचे।

ताज होटल में गृहमंत्री अमित शाह को सीएम भगवंत मान ने एस्कॉर्ट किया। बैठक में हिमाचल के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल/प्रशासक भाग लेने के लिए पहुंचे।

9 सालों में 53 बैठकें हुई

राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में पांच (5) क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं और क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य हैं, जिनमें से एक मुख्यमंत्री (हर साल बारी-बारी से) उपाध्यक्ष होते हैं।

राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से जून, 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 53 बैठकें हुईं हैं। जिसमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 24 बैठकें शामिल हैं।

बैठक में उठे पंजाब के अन्य मुद्दे

क्षेत्रीय बैठक में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, पंजाब विश्वविद्यालय में एफिलिएशन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य, नहर परियोजना व जल बंटवारा, राज्य-पुनर्गठन से संबंधित मुद्दे, बुनियादी ढांचे के विकास में भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण व वन सम्बन्धी अनुमति, उड़ान योजना के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के अन्य मुद्दे भी शामिल रहे।

Compiled: up18 News