उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने पूछताछ के लिए समन भेजा है। सीबीआई की ओर से सीआरपीसी की धारा 160 के तहत समन भेजा गया है। सीबीआई ने अखिलेश यादव को पूछताछ में गुरुवार को शामिल होने का समन दिया है। अवैध खनन घोटाला मामले में यह समन जारी किया गया है। अवैध खनन मामले में बतौर गवाह अखिलेश यादव को सीबीआई के समक्ष पेश होना है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। 29 फरवरी को इस मामले में गवाही होनी है।
सीबीआई की ओर से अखिलेश यादव को समन भेजे जाने से के उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमाना तय हो गया है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आपराधिक साजिश में सरकारी कर्मचारियों ने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे और पूर्व से जारी किए गए पट्टों का रिन्यूअल किया गया। इस मामले में कई आरोपियों को अवैध रूप से खनन को अनुमति दी गई। आरोप यह है कि खनिजों की चोरी और धन उगाही की अनुमति दी गई।
सीबीआई कर रही है जांच
यूपी में अवैध खनन मामले की जांच सीबीआई कर रही है। अवैध खनन का मामला अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल का है। इस मामले में सीबीआई ने अखिलेश यादव को तलब किया है। 29 फरवरी को दिल्ली में सीबीआई के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। अखिलेश यादव को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि मामले से जुड़े कुछ सवालों के जवाब देने के लिए अखिलेश यादव को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होना होगा।
क्या है पूरा मामला
अखिलेश यादव की सरकार के दौरान वर्ष 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर में अवैध रूप से खनन का मामला सामने आया था। इस मामले में जनवरी 2019 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था। अब इस मामले में सीबीआई ने तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को पेश होने को कहा गया है। सीबीआई की नोटिस में कहा गया है कि अखिलेश को केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना होगा।
जनवरी 2019 में तत्कालीन डीएम, खनन अधिकारी और अन्य सहित कई लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन होने दिया। अब इस मामले में उस समय के सीएम से पूछताछ होगी।
-एजेंसी