हाई ब्लड प्रेशर एक तेजी से बढ़ती बीमारी है जिससे बहुत से लोग पीड़ित हैं। इसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें धमनी की दीवारों के खिलाफ रक्त का बल बहुत अधिक होता है। हाई बीपी पर नजर रखना जरूरी है क्योंकि यह आपके अंगों पर दबाव डालता है और दिल का दौरा, स्ट्रोक और किडनी की बीमारी का खतरा बढ़ाता है।
हाई ब्लड प्रेशर को लेकर सबसे खतरनाक बात यह है कि आपको पता ही नहीं होता है कि आप इसकी चपेट में हैं। इसका कारण यह है कि जब तक स्थिति बहुत गंभीर नहीं हो जाती, तब तक इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका नियमित रूप से इसकी निगरानी करना है। आप इसे घर पर भी चेक कर सकते हैं। कुछ ऐसे लक्षण हो सकते हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। इसके कुछ लक्षण आपकी आंखों में भी नजर आ सकते हैं।
आंखों में लाल धब्बे
आपकी आंखों के सामने लाल धब्बे हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकते हैं। ये टूटी हुई रक्त वाहिकाओं के कारण हो सकते हैं। अगर आपकी आंखें अक्सर लाल रहती है तो आपको जांच करानी चाहिए। हाई बीपी आंखों की की रोशनी को प्रभावित कर सकता है। यह रेटिनोपैथी नामक स्थिति को जन्म दे सकता है, जिसमें रक्त वाहिकाओं की दीवारें मोटी हो जाती हैं और रक्त के प्रवाह को बाधित कर देती हैं। रेटिना भी सूज सकता है और रक्त वाहिकाओं का रिसाव हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर के अन्य लक्षण
छाती में दर्द
सांस लेने में दिक्क्त
पेशाब में खून
आपकी छाती, गर्दन, या कान में तेज होना
गंभीर सिरदर्द
नकसीर
थकान
हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम कारक
आपको ऊपर बताए लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। यदि आप अधिक वजन वाले हैं या पर्याप्त व्यायाम नहीं करते हैं, तो आपको इसका अधिक खतरा हो सकता है। बहुत अधिक नमक खाना और पर्याप्त फल और सब्जियां न खाना भी आपको जोखिम में डालता है। बहुत ज्यादा शराब या कॉफी पीना और धूम्रपान करना भी इसका बड़ा कारण है। 65 से अधिक होना और पारिवारिक इतिहास होना भी इसका कारण है। पर्याप्त नींद न लेना भी आपको जोखिम में डाल सकता है।
हाई बीपी कम करने के उपाय
नमक की मात्रा कम करें
मौसमी फल-सब्जियों का अधिक सेवन करें
शराब का सेवन बंद करें या कम करें
अधिक वजन होने पर वजन कम करें
रोजाना व्यायाम करना न भूलें
कैफीन का सेवन कम करें
धूम्रपान छोड़ दें
हाई ब्लड प्रेशर कितना होता है
बीपी को दो संख्याओं से मापा जाता है- सिस्टोलिक प्रेशर, जोकि अधिक संख्या है और डायस्टोलिक प्रेशर, जोकि कम संख्या है। हाई बीपी तब माना जाता है जब आपकी रीडिंग 140/90 मिलीमीटर पारा (mmHg) या इससे अधिक हो। या यदि आप 80 वर्ष से अधिक आयु के हैं, तो 150/90mmHg या इससे अधिक को हाई बीपी माना जाता है।
नॉर्मल ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए
नॉर्मल ब्लड प्रेशर 90/60mmHg और 120/80mmHg के बीच माना जाता है। अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
-एजेंसी
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