आगरा: जाट समाज के दशहरा मिलन-शस्त्र पूजन में ‘हिन्दू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट’ पुस्तक के लेखक डॉ. भानु प्रताप सिंह का सम्मान

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आगरा। जाट समाज वेलफेयर एसोसिएशन आगरा ने रविवार को 7वां दशहरा मिलन एवं शस्त्र पूजन समारोह मनाया। शिव गार्डन फार्म हाउस, अंसल कोर्ट यार्ड के सामने, दहतोरा में हुए समरोह में ‘हिन्दू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट’ पुस्तक का लोकार्पण किया गया। शोधपूर्ण पुस्तक के लेखक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ हवन, शस्त्र पूजन, जाट समाज की विभूतियों के चित्रों पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।

इन्होंने किया लोकार्पण

पुस्तक का लोकार्पण पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह, पूर्व पीसीएस अधिकारी आचार्य यादराम सिंह वर्मा, कुँवर शैलराज सिंह एडवोकेट, डॉ. देवी सिंह नरवार, हाकिम सिंह प्रधान आदि ने किया। इसके बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह सोलंकी, महासचिव राकेश चौधरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशन सिंह चाहर, पीएल चाहर, अशोक ठेनुआं, मुरारीलाल छौंकर, सीताराम गावर, शिवराम चौधरी, बच्चू सिंह सोलंकी आदि ने साफा पहनाकर, डायरी-पेन भेंट और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। डॉ. सिंह की पत्नी इन्दु सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मान दिया गया।

इतिहास में वीर गोकुला जाट के साथ अन्याय

डॉ. भानु प्रताप सिंह ने जाट सरदारी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हिन्दू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट’ पुस्.तक एक वर्ष के शोध का परिणाम है। 30 पुस्तकें पढ़ीं। वीर गोकुला जाट से संबंधित स्थलों का भ्रमण किया। मुआसिर-ए-आमलगीरी पुस्तक से जानकारी मिली को चित्तौड़ के बाद मथुरा की हिन्दू वीरांगनाओं को 4 दिसम्बर, 1669 को जौहर किया था। वीर गोकुला के जीवित रहते औरंजबेज कृष्ण जन्मभूमि मंदिर तोड़ने का साहस नहीं कर सका। वीर गोकुला जाट ने औरंगजेब के छक्के छुड़ा दिए थे, इसी कारण इतिसाकारों ने उनके साथ अन्याय किया।

इन्होंने किया संबोधित

विधायक चौ. बाबूलाल, पूर्व मंत्री चौ. उदयभान सिंह, कुँवर शैलराज सिंह, कप्तान सिंह चाहर, यादराम सिंह वर्मा, ओपी वर्मा, गोपीचंद चौधरी, कीर्ति सिंह पूर्व प्रधान, अतर सिंह मुखिया जी. सुरेन्द्र सिंह रावत, मोहन सिंह चाहर आदि ने संबोधित किया। सभी ने कहा कि जाट समाज का इतिहास गौरवपूर्ण है। जाट समाज ने देश के लिए हमेशा बलिदान दिया है। वीर गोकुला जाट पर लिखी गई पुस्तक बच्चों को पढ़ाएं ताकि भावी पीढ़ी अवगत हो सके। राजनीतिक नेताओं से कहा गया कि वे एकदूसरे की टांग खिंचाई के स्थान पर एकता का परिचय दें।

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