सबसे पहले बात करें कि होलाष्टक क्या होता है तो होलाष्टक का अर्थ है होली के आठ दिन, इसकी शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से होती है और इसका समपादन होलिका दहन के साथ होता है।
होलाष्टक 2024 की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है और यह 24 मार्च को होलिका दहन के साथ संपन्न होगा। अगले दिन चैत्र कृष्ण पक्ष प्रथमा को यानी 25 मार्च को धुलेंडी या रंग वाली होली खेली जाएगी। होलाष्टक को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इस समय तक सभी शुभ कार्य शादी, विवाह मुंडन आदि बंद रहते हैं।
होलाष्टक में क्या करें
1. होलाष्टक में पूजा पाठ और जप-तप का महत्व होता है। इसलिए इन आठ दिनों में भगवान विष्णु और कुल के देवी देवताओं की पूजा अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख शांति रहती है।
2. होलाष्टक में गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना चाहिए। इस समय बच्चों से अच्छा बर्ताव करें, उन्हें प्यार दें। मान्यता है कि होलाष्टक की इसी अवधि में हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रह्लाद को यातनाएं दीं थीं और भगवान नाराज हुए थे। इसलिए इस अवधि में हमें बच्चों को नहीं सताना चाहिए।
3. होलाष्टक में रोजाना पूजापाठ के वक्त भगवान राम और कृष्ण को अबीर और गुलाल लगाना चाहिए और श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए।
4. होलाष्टक में रोजाना भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। मान्यता है कि इससे हर तरह की विपत्ति टल जाती है।
होलाष्टक में क्या न करें
1. होलाष्टक में शादी, विवाह, मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
2. होलाष्टक में मकान या फिर जमीन खरीदने या वाहन खरीदने जैसे महत्वपूर्ण काम नहीं करनी चाहिए। यहां तक कि इस समय एडवांस पेमेंट से भी बचें।
3. होलाष्टक में यज्ञ और हवन जैसा धार्मिक अनुष्ठान न करें, क्योंकि इस समय अनुष्ठान का पूर्ण फल पाने में समस्या आती है।
4. होलाष्टक में नए काम की शुरुआत से बचें, व्यापार या फिर नया काम न करें। क्योंकि इससे उस काम की सफलता की संभावना कम होती है।
5. होलाष्टक में किसी भी नए सामान सोने चांदी के गहने और घरेलू सामान की खरीद करना भी अशुभ माना जाता है।
-एजेंसी
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