मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हिंदू पक्ष ने कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है. यह कैविएट याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर दाखिल की गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 26 मई को कृष्ण जन्मभूमि के टाइटल सूट के सभी मामलों को अपने पास ट्रांसफर करने का फैसला किया था. कैविएट याचिका में हिन्दू पक्ष ने कहा है कि अगर हाईकोर्ट के फैसले को मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है तो सुप्रीम कोर्ट बिना हिंन्दू पक्ष को सुने कोई आदेश पारित न करे.
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद विवाद 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है. इसमें से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन ईदगाह मस्जिद के पास है. हिंदू पक्ष ने पूरी जमीन देने और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग करता है. वहीं मुस्लिम पक्ष इसका विरोध करता है.
क्या था इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 1935 में 13.37 एकड़ की विवादित जमीन बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट कर दी थी. श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने 1951 में ये जमीन अधिग्रहित कर ली थी. इस ट्रस्ट को 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और 1977 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से रजिस्टर्ड कराया गया था.
साल 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते में इस 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व ट्रस्ट को मिला और ईदगाह मस्जिद का मैनेजमेंट ईदगाह कमेटी को दे दिया गया.
Compiled: up18 News