कश्मीर में कुछ दिनों पहले बढ़ते तापमान के कारण त्राहि-त्राहि का माहौल था। उस समय गर्मी ने 132 साल का रिकार्ड तोड़ा था। आशंका जताई जा रही थी कि इसका असर अमरनाथ के हिमलिंग पर भी पड़ सकता है। बहरहाल, समुद्रतल से 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग अपने पूर्ण आकार में प्रकट हुआ है। यह 20 से 22 फुट ऊंचा है।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से जारी हिमलिंग की तस्वीर इसकी पुष्टि करती है कि हिमलिंग अपने पूरे आकार में है। प्रदेश प्रशासन गुफा के आसपास के क्षेत्र में सर्दी के बावजूद हिमलिंग की रक्षार्थ सुरक्षाकर्मी तैनात करने एक टीम को गुफा की ओर रवाना कर चुकी है। इसका मकसद यात्रा से पहले दर्शन करने की कोशिश करने वालों को रोकना है।
अमरनाथ यात्रा 30 जून को यात्रा आरंभ होनी है और पहले जत्थे को बाबा बर्फानी के दर्शन 1 जुलाई को होगा।
यह भी सच है कि अमरनाथ की पवित्र गुफा में इस बार बनने वाला तकरीबन 20 से 22 फुट का ऊंचा हिमलिंग उस ग्लोबल वार्मिंग को जरूर चिढ़ा रहा है जिसके कारण दुनियाभर में बर्फ के तेजी से पिघलने का खतरा पैदा हो गया है। बहरहाल, दुनिया भर के बढ़ते तापमान का असर बाबा बर्फानी पर बिल्कुल नहीं दिख रहा है।
जहां एक तरफ कश्मीर के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं वहीं इस वर्ष भी बाबा बर्फानी माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ पहले जैसे ही आकार में प्रकट हुए हैं। बाबा के द्वार तक पहुंचने के लिए भक्तों को काफी वक्त लग जाता है। बाबा के भवन तक जाने वाले बालटाल के रास्ते में अभी भी बर्फ जमा है। खून जमा देने वाली सर्दी पड़ रही है।
सरकारी तौर पर 2023 के दर्शन के लिए गुफा तक अभी भक्त नहीं पहुंच पाए हैं। गुफा तक सिर्फ पुलिस की एक टुकड़ी ही पहुंची थी जिसने वहां का जायजा लिया है। कुछेक पुलिसकर्मियों ने हिमलिंग की फोटो भी ली है और यह पाया है कि पिछले साल हिमलिंग की सुरक्षा की खातिर जो प्रबंध किए गए थे वे यथावत हैं। हालांकि कुछ श्रद्धालुओं द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि वे गुफा तक पहुंचने में कामयाब रहे हैं।
Compiled: up18 News
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