राष्ट्रगान के अपमान का मामला: ममता बनर्जी को राहत देने से हाईकोर्ट का इंकार

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अब तक इस मामले में क्या हुआ

भाजपा पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता की मार्च 2022 में की गई शिकायत के आधार पर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने ममता बनर्जी को समन जारी किया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ जारी समन को विशेष सांसद/विधायक अदालत में चुनौती दी थी। जिस पर एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने प्रक्रियागत आधार पर समन को दरकिनार कर दिया और मजिस्ट्रेट से गुप्ता की शिकायत पर नए सिरे से विचार करने को कहा था।

हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में ममता बनर्जी ने कहा कि सत्र अदालत को समन को हमेशा के लिए रद्द कर देना चाहिए था, ना की मामले को वापस मजिस्ट्रेट के पास भेजना चाहिए था। ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बोरकर ने माना कि सत्र अदालत के आदेश में अवैधता थी लेकिन उच्च न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।

क्या है ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत

शिकायत में दावा किया गया है कि दिसंबर 2021 में मुंबई में यशवंतराव चव्हाण ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान बजने पर भी ममता बनर्जी बैठी रही थीं। इसके बाद अचानक से उठीं और दो पक्तियां गाने के बाद फिर चुप हो गईं और वहां से चली गईं।

Compiled: up18 News