महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल सुनवाई टाल दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर से कहा है कि वो इस मामले पर अभी कोई फ़ैसला न करें.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा कि चूँकि इस मामले में कई याचिकाएँ दाखिल की गई हैं इसलिए इस मामले की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ की आवश्यकता है लिहाजा इस मामले को लिस्ट करने में अभी समय लगेगा. पिछले कुछ दिनों से चल रही उठापटक के बीच विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा कोर्ट पहुँच गया था.
इस बीच महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने इस्तीफ़ा दे दिया था और फिर शिवसेना के बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की मदद से सरकार बना ली.
पहला अयोग्यता का मामला शिवसेना के बाग़ी गुट के कुछ विधायकों का है, जिन्हें डिप्टी स्पीकर ने नोटिस भेजा था. क्योंकि उस समय स्पीकर की जगह ख़ाली थी. इस नोटिस को शिंदे गुट ने कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर 11 जुलाई को सुनवाई तय थी.
इस बीच एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद बीजेपी के राहुल नार्वेकर स्पीकर बन गए. स्थितियाँ बदली और व्हीप के बावजूद उद्धव गुट के विधायकों ने जब शिंदे को वोट नहीं दिया, तो उद्धव गुट के विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी हुआ.
इसके बाद उद्धव गुट ने भी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इसकी भी सुनवाई की तारीख़ 11 जुलाई ही रखी गई.
इस बीच एकनाथ शिंदे की सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया. इस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति में नाटकीय घटनाक्रम उस समय शुरू हुआ था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कई विधायकों ने उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बाग़ी विधायक पहले गुजरात के सूरत गए और फिर असम के गुवाहाटी पहुँचे. कई दिनों तक चले उठापटक के बाद जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा, तो वे सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए. लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली.
इसके बाद उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. फिर एकनाथ शिंदे की सरकार बनी और बीजेपी ने उन्हें समर्थन दिया.
-एजेंसियां