उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ 17 जनवरी, 2023 को सुनवाई करेगी। दरअसल, दो छात्रों ने व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में यूजर का पर्सनल डाटा फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म को साझा करने को गलत, उनकी गोपनीयता और फ्री स्पीच का उल्लंघन बताकर इसे न्यायालय में चुनौती दी है। छात्रों का कहना था कि सोशल मीडिया कंपनियों को यूजर के पर्सनल डाटा को लेकर अपनी मनमानी नहीं करनी चाहिए।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पक्षकारों से 15 दिसंबर तक मामले में अपनी दलीलें पेश करने के आदेश दिए हैं। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, हम मामले को अंतिम सुनवाई के लिए 17 जनवरी 2023 तक के लिए स्थगित करना चाहते हैं।
बता दें कि शीर्ष अदालत दो छात्रों कर्मन्या सिंह सरीन और श्रेया सेठी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। छात्रों का कहना है कि उपयोगकर्ताओं द्वारा शेयर किए गए कॉल, फोटो, टेक्स्ट, वीडियो और डॉक्युमेंट्स को किसी अन्य कंपनी के साथ शेयर करना उनकी गोपनीयता और फ्री स्पीच का उल्लंघन है।
दरअसल, हाल ही में मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की थी, जिसमें तहत यूजर्स को बेहतर सुविधा देने के लिए उनकी निजी जानकारी को फैमिली एप फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म के साथ शेयर किया जा सकता है। हालांकि व्हाट्सएप ने ये भी कहा था कि नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है यानी यदि आप किसी बिजनेस अकाउंट (व्हाट्सएप बिजनेस) से व्हाट्सएप पर चैट करते हैं तो सिर्फ वही डाटा कंपनी लेगी और अन्य कंपनियों के साथ शेयर करेगी।
-एजेंसी