शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर उपचार की समुचित व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के समस्त स्टॉफ को किया गया है प्रशिक्षित
आगरा: ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो गया है। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव (लू) के प्रति लोगों को अलर्ट किया है। इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के आवश्यक उपाय स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे हैं। साथ ही समस्त स्टॉफ को सक्रिय रहने व विपरीत परिस्थितियों में तत्काल राहत देने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। महामारी की स्थिति से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का भी गठन कर दिया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अप्रैल, मई व जून माह में हीटवेव (लू) का असर रहता है। इससे संबंधित एडवाइजरी जारी की गयी है। मानव संसाधन को भी अलर्ट कर दिया गया है। इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव व नियंत्रण के आवश्यक उपाय स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे हैं । उन्होंने बताया कि समस्त स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया।
सीएमओ ने बताया कि जनपद में हीटवेव (लू) के दृष्टिगत ब्लॉक स्तर पर इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए ओआरएस एवं आईवी फ्ल्यूड का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध करा दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित करा दी गई है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
नोडल अधिकारी डॉ. पीयूष जैन ने बताया कि जिले में लू के कारण अभी तक कोई अप्रिय घटना रिपोर्ट नहीं हुई है। प्रतिदिन ग्रामीण व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से हीटवेव (लू) की रिपोर्ट संकलित कर शासन को प्रेषित की जाती है । साथ ही ब्लॉक स्तर के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का जल जनित बीमारी, निजी स्वच्छता और सफाई के प्रति संवेदीकरण किया गया है। इसके साथ ही मच्छरों से बचाव हेतु फागिंग व लार्वा स्प्रे नियमित रूप से किया जा रहा है। हीटवेव (लू) के कारण शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है जिससे जटिलताएं भी बढ़ सकती है।
एएनएम प्रशिक्षण केंद्र की इंचार्ज डॉ. सलोनी ने बताया कि इस वक्त धूप में जरूरत होने पर ही निकलें। जब भी धूप में घर से बाहर निकले तो पानी पीकर और शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहन कर निकले। इसके साथ ही धूप में छाते का उपयोग करें। इस वक्त तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। तबीयत खराब होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर संपर्क करें।
ऐसे करें बचाव
-अधिक से अधिक पानी पिएं
-पसीना सूखने वाली फसलें व हल्के रंग के वस्त्र पहने
-धूप में निकलते समय चश्मे, छाते व वह चप्पलों का प्रयोग करें।
-खुले में कार्य करते है तो चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढकी रहें और यदि संभव हो तो छाते का प्रयोग करें।
-संभव हो तो दोपहर 11:00 बजे से 4:00 के मध्य धूप में निकलने से बचें।
-घर में बनी पिए पदार्थ लस्सी नींबू पानी छाछ इत्यादि का प्रयोग करें।
-पेट में मरोड़ घमोरियां शरीर में कमजोरी आना चक्कर आना सिर में तेज दर्द उबकाई आना जैसे लक्षण सामने आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें।
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