सुर्खियां: ‘चूहे भी पियक्कड़, पुलिस को मेकअप से परहेज़, और पति मांग रहे पत्नी से गुज़ारा भत्ता’

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नमस्कार! मैं मोहम्मद शाहिद, और एक बार फिर हाज़िर हूं कुछ ऐसी ख़बरों के साथ, जो शायद आपको हंसाएं, सोचने पर मजबूर करें, और शायद देश की हकीकत का एक नया पहलू भी दिखाएं।

झारखंड के ‘पियक्कड़’ चूहे और शराब घोटाला: क्या अब भ्रष्ट चूहों पर होगी कार्रवाई?

खबर झारखंड से है, जहां ‘भ्रष्टाचार’ ने ऐसी छलांग लगाई है कि अब इंसान ही नहीं, चूहे भी इसमें शामिल हो गए हैं। जी हां, आपने सही सुना! झारखंड में नई शराब नीति लागू होने वाली है, और इससे पहले स्टॉक की जांच चल रही थी. इसी जांच में धनबाद में 802 बोतलें शराब खाली मिलीं। अब बताइए, किसने पी होगी?

व्यापारी महोदय कहते हैं, “चूहों ने बोतलों के ढक्कन कुतर दिए और सारी शराब पी गए।” वाह! क्या दलील है! पहले भी इन चूहों पर भांग और गांजा खाने का आरोप लग चुका है. सोचिए, चूहों की इस बढ़ती ‘नशेबाजी’ का आखिर क्या इलाज है? और हां, कोर्ट ने पहले भी पुलिस को फटकारा था, जब उन्होंने चूहों पर ही सारा इल्जाम डाल दिया था। अब देखना ये है कि इन ‘पियक्कड़’ चूहों पर सरकार क्या कार्रवाई करती है, या फिर हमेशा की तरह ये चूहे ही सारे घोटालों का ठीकरा फोड़ने के लिए ‘बलि का बकरा’ बनते रहेंगे।

बिहार पुलिस का नया फरमान: “नो मेकअप, नो रील्स” – अनुशासन या ‘मेकअप से आज़ादी’?

अब रुख करते हैं बिहार का, जहां पुलिस महकमे में एक नया ‘क्रांतिकारी’ बदलाव आया है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने महिला पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को ड्यूटी पर मेकअप न करने का फरमान जारी किया है। एक अधिकारी ने बताया कि यह ‘स्ट्रिक्ट डिसिप्लिन’ के लिए है।
यानी अब खाकी वर्दी में कोई ‘नैना चार’ नहीं, कोई ‘टिकटॉक रील्स’ नहीं, कोई ब्लूटूथ पर ‘निजी बातें’ नहीं, और हां, पुरुष पुलिसकर्मी भी अपनी वर्दी ढंग से पहनें। ये निर्देश पुरुषों पर भी लागू होगा।

सवाल ये है कि क्या मेकअप और अनुशासन का सीधा संबंध है? या फिर ये सिर्फ एक और तरीका है, हमारी पुलिस फोर्स को ‘सभ्य’ बनाने का, जबकि असली मुद्दे शायद कहीं और हों? खैर, आदेश का पालन न करने पर ‘कड़ी कार्रवाई’ की बात भी कही गई है। देखते हैं, कितनी महिला पुलिसकर्मी इस ‘मेकअप से आज़ादी’ के फरमान का पालन करती हैं!

ऑस्ट्रेलिया में बुचर (कसाई) की कमी: 73 लाख में भी नहीं मिल रहे ‘हुनरमंद हाथ’

चलिए, अब थोड़ा विदेश घूम आते हैं। ऑस्ट्रेलिया में एक दुकानदार कसाई की नौकरी के लिए 73 लाख रुपये दे रहा है, लेकिन फिर भी उसे ‘क्वालिफाइड’ वर्कर नहीं मिल रहे। 140 आवेदन आए हैं, और वो भी भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान से।

दुकान मालिक क्लेटन राइट साहब परेशान हैं। कहते हैं, दशकों से उनके देश में इस काम को किसी ने नहीं अपनाया, इसलिए हुनरमंद कारीगरों की कमी हो गई है। तो साहब, बात सिर्फ पैसे की नहीं है, बात हुनर की है। और जब हुनर नहीं होता, तो करोड़ों रुपये भी कम पड़ जाते हैं। क्या यह सिर्फ कसाईगिरी की बात है, या हमारे आस-पास ऐसे और भी कई हुनर हैं, जो धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं?

ज्योति मौर्या बनाम आलोक मौर्या: जब पति ने मांगा पत्नी से ‘गुज़ारा भत्ता’

और अब एक ऐसी खबर, जो आपको सोचने पर मजबूर करेगी कि रिश्ते आखिर किस मोड़ पर आ गए हैं। उत्तर प्रदेश की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उनके सफाईकर्मी पति आलोक मौर्या के विवाद में एक नया ‘मोड़’ आ गया है। आलोक मौर्या ने अब अपनी पत्नी ज्योति से गुजारा भत्ता मांगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्योति मौर्या को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

आलोक मौर्या का कहना है कि उनकी पत्नी उनसे ज्यादा कमाती हैं और वे एक मामूली सफाईकर्मी हैं। कानून कहता है कि हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत पति भी पत्नी से गुजारा भत्ता मांग सकता है, अगर वह अपना खर्च चलाने में असमर्थ हो। फरवरी 2024 में, इंदौर की फैमिली कोर्ट ने भी एक पत्नी को अपने बेरोजगार पति को 5 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। तो क्या अब ‘पति परमेश्वर’ भी ‘पत्नी परमेश्वरी’ से गुजारा भत्ता मांगेंगे? ये मामला रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ रहा है, जहां पारंपरिक भूमिकाएं बदल रही हैं।

सिवनी के डॉक्टर साहब का ‘फोटो सेशन’ और गड्ढा: जब एक ‘अच्छी फोटो’ पड़ी भारी

और आखिर में एक हल्की-फुल्की खबर मध्य प्रदेश के सिवनी से। गणेश चौक के जाने-माने डॉक्टर और समाजसेवी प्रफुल्ल श्रीवास्तव अच्छी फोटो लेने के चक्कर में 6 फीट गहरे गड्ढे में जा गिरे। मंदिर में निर्माण कार्य चल रहा था, और डॉक्टर साहब सीमेंट डालकर फोटो खिंचवा रहे थे।

किसी ने कहा, “फोटो अच्छी नहीं आई, एक बार फिर से खींचते हैं।” और जैसे ही दूसरा तसला हाथ में पकड़ा, ईंट खिसकी और सीधे गड्ढे में! गनीमत रही, मामूली चोटें आईं। तो साहब, आजकल ‘परफेक्ट फोटो’ का जुनून ऐसा है कि लोग अपनी जान की भी परवाह नहीं करते। ये घटना हमें याद दिलाती है कि ‘रील्स’ और ‘लाइक्स’ के चक्कर में कभी-कभी ‘लाइफ’ का भी ध्यान रखना चाहिए।

तो ये थी आज की कुछ दिलचस्प और हटकर ख़बरें। फिर मिलेंगे कुछ और अनसुनी, अनकही कहानियों के साथ। तब तक के लिए, मुझे इजाज़त दीजिए। नमस्कार!

-मोहम्मद शाहिद