तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने आज एक कार्यक्रम में डीएमके नेताओं के सनातन और हिंदू धर्म को लेकर दिए बयानों पर हमला बोला है। राज्यपाल ने कहा कि हमारा संविधान किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के खात्मे की बात वही लोग कर रहे हैं, जो देश को तोड़ना चाहते हैं।
विदेशी शक्तियों के साथ चलाया जा रहा एजेंडा
आरएन रवि ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा कि हमें धर्मनिर्पेक्षता का सही अर्थ समझना होगा। राज्यपाल ने कहा कि जो लोग हिंदू धर्म को खत्म करने की बात कर रहे हैं, वो सब दुश्मन विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर इस देश को तोड़ने का एजेंडा पाले हैं। हालांकि, ये लोग कभी सफल नहीं होंगे।
सामाजिक बुराई को खत्म करने की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे समाज में सामाजिक भेदभाव है। समाज के कई वर्गों में भेदभाव होता है, लेकिन हिंदू धर्म ऐसा करने को नहीं कहता है। यह एक सामाजिक बुराई है और इसे खत्म करने की जरूरत है।
आरएन रवि ने कहा कि तमिलनाडु में सामाजिक भेदभाव अभी भी एक बड़ी समस्या है, क्योंकि हर दिन मैं अनुसूचित जाति के लोगों को मंदिरों में प्रवेश की अनुमति नहीं देने की कहानियां सुनता हूं।
डीएमके का आया जवाब
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके ने भी राज्यपाल के बयान का जवाब दिया है। राज्यपाल आरएन रवि की टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा कि राज्यपाल डीएमके के विकास मॉडल को पचा नहीं पा रहे हैं और तभी वो झूठा प्रचार कर रहे हैं।
सीएम स्टालिन के बेटे ने दिया था विवादित बयान
बता दें कि सीएम एसके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को लेकर विवादित बयान दिया था। उदयनिधि ने कहा था कि सनातन को डेंगू और कोरोना की तरह खत्म कर देना चाहिए।
Compiled: up18 News
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