आगरा: शहर की प्लानिंग में वास्तुकारों को शामिल करे सरकार- आर्किटेक्ट एसोसिएशन

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आगरा। शहरों को रहने लायक बनाना है तो वास्तुकारों को सिर्फ बिल्डिंग डिजायन से बाहर निकलकर शहर नियोजन और उसके विकास में भागीदार बनना होगा। शहरों के विकास के लिए मास्टर प्लान वह लोग बना रहे हैं जो शहरों को समझते ही नहीं। इसके लिए टाउन प्लानिंग विभाग जिम्मेदार है। वर्तमान स्थिति में होरीजोन्टल फैलाव के बजाय वर्टीकल फैलाव की जरूरत है। यह कहना था चंडीगढ़ से आगरा आर्किटेक्ट एसोसिएशन की वार्षिक कार्यशाला में शामिल होने आए वास्तुकार जीत गुप्ता का।

उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि विश्व की 17 फीसदी आबादी और मात्र 4 फीसदी जमीन भारत में है। इसलिए भारत के लिए जमीन बहुत कीमती है, जिसका उपयोग सोच समझ कर किया जाना चाहिए। हर शहर का रहन-सहन, जलवायु, व्यापार अलग-अलग होते हैं। मसलन लखनऊ प्रशासनिक, नोयडा औद्योगित, कानपुर और आगरा व्यवसायिक नगर है। आगरा ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसलिए तीनों की प्लानिंग में अंतर होना चाहिए, जो नहीं किया जा रहा है।

कार्यशाला के समापन समारोह में संस्थापक अध्यक्ष शशि शिरोमणी ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। अध्यक्ष अश्वनि शिरोममी ने धन्यवाद ज्ञापन व संचालन देविना व किरन गुप्ता ने किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से सीएस गुप्ता, अध्यक्ष अश्वनी सचिव सौरभ सक्सेना, कोषाध्यक्ष अनघा शर्मा, गौरव शर्मा, कार्यशाला समन्वयक ध्रुव कुलश्रेष्ठ, अर्चना यादव, किरन गुप्ता, बृजेन्द्र सिंह, ललित द्विवेदी, राजीव द्विवेदी, संगीता अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

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