नई दिल्ली। देश के 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में कई राज्यों की झांकियां दिखाई पड़ी. इस बार की झांकी में खासतौर पर भारत के अमृत काल इनीशियेटिव और अलग-अलग राज्यों की धार्मिक प्रथाओं को दर्शाने की कोशिश की गई है.
उत्तर प्रदेश की झांकी में 2017 से आयोजित अयोध्या दीपोत्सव को दिखाया जाता है. इस बार भी यहां मनाए जाने वाले तीन दिवसीय दीपोत्सव को दर्शाया गया है.
उत्तराखंड की झांकी में कॉर्बेट नेशनल पार्क और अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम को दर्शाया गया है.
हरियाणा की झांकी भगवद गीता पर आधारित डिजाइन को दर्शाती है. अपनी संपूर्णता में, झांकी में भगवान कृष्ण को अर्जुन के सारथी के रूप में सेवा करते हुए और उन्हें गीता का ज्ञान देते हुए दिखाया गया है. ट्रेलर के किनारों पर बने पैटर्न महाभारत के युद्ध के विभिन्न व्यूज को दिखाते हैं.
गुजरात की झांकी गणतंत्र दिवस 2023 पर ‘स्वच्छ-हरित ऊर्जा कुशल गुजरात’ विषय पर ऊर्जा के नए सोर्सेज को दर्शाती है.
झारखंड की झांकी में देवघर स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर को दिखाया गया है. झांकी में सबसे आगे भगवान बिरसा मुंडा को दर्शाया गया है.
पश्चिम बंगाल से हमेशा की तरह दुर्गापूजा को झांकी में शामिल किया गया है. दुर्गा पूजा राज्य का सबसे बड़ा त्योहार है.
असम की झांकी में एक नाव पर अहोम योद्धा लचित बोरफुकन को दर्शाया गया है. वहीं कामाख्या मंदिर की झलक भी देखी जा सकती है.
कर्नाटक की झांकी में प्रतीकात्मक रूप से राज्य की 3 महिलाओं की उपलब्धि हासिल करने वाली असाधारण उपलब्धियों को दर्शाती है. सुलागिट्टी नरसम्मा – एक दाई, तुलसी गौड़ा हलक्की – जिन्हें ‘वृक्ष माटे’ के नाम से जाना जाता है और सालूमरदा थिमक्का समाज में उनके निस्वार्थ योगदान के कारण प्रसिद्ध नाम हैं.
गणतंत्र दिवस परेड में ‘महिलाओं की सक्रीय भागीदारी के साथ त्रिपुरा में पर्यटन और जैविक खेती के माध्यम से सतत आजीविका’ विषय के साथ त्रिपुरा की झांकी प्रदर्शित की गई. यह महामुनि बुद्ध मंदिर को भी दर्शाता है.
आंध्र प्रदेश की झांकी में गणतंत्र दिवस परेड में मकर संक्रांति के दौरान किसानों के त्योहार ‘प्रभला तीर्थम’ को दर्शाया गया है.
गणतंत्र दिवस परेड में जम्मू-कश्मीर की झांकी विकास के नए युग, पर्यटन क्षमता को दर्शाती है. खासतौर पर अमरनाथ के गुफा को झांकी में दर्शाने की कोशिश की गई .
– एजेंसी