गिर्ट विल्‍डर्स ने बताया कि वह नूपुर शर्मा का समर्थन क्यों कर रहे हैं…

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नूपुर शर्मा, फिलहाल पूरी दुनिया इसी नाम के बारे में बात कर रही है। बीजेपी से निष्कासित नेता और पूर्व प्रवक्ता की चारों तरफ आलोचना हो रही है। पिछले दिनों एक टीवी डिबेट के दौरान नूपुर ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की जो इस वक्त विवादों का केंद्र बनी हुई है। जैसे ही यह बयान भारत से बाहर गया तमाम इस्लामिक और अरब देश इसकी निंदा करने लगे। वे देश भी भारत की आलोचना कर रहे हैं जिनके अपने मुल्क में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और मानवाधिकार उल्लंघन का एक लंबा इतिहास रहा है। हद तो तब हो गई जब तालिबान भी इस भीड़ का हिस्सा बन गया। लेकिन इस भीड़ के जवाब में कुछ लोग नूपुर शर्मा के साथ पूरी तरह से खड़े दिखाई दे रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्‍डर्स का है। वह लगातार मुखर होकर नूपुर शर्मा का बचाव कर रहे हैं और इस्लामिक देशों को कड़े शब्दों में फटकार लगा रहे हैं।

नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में विल्डर्स ने बताया कि वह नूपुर शर्मा का समर्थन क्यों कर रहे हैं…

सवाल- क्या आप नूपुर शर्मा को जानते हैं और अगर नहीं, तो उनका समर्थन क्यों कर रहे हैं?

जवाब- मैं नूपुर शर्मा को जानता हूं, वह सत्तारूढ़ बीजेपी की सदस्य और राजनेता हैं। मैं उनका समर्थन इसलिए कर रहा हूं क्योंकि वह सच बोल रही हैं। मेरा मानना है कि सच बोलने के लिए जान की धमकी मिलना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। मेरा मानना है कि ये सबसे बड़ा पाखंड है, जो देश भारत से नूपुर शर्मा के बयानों पर माफी मांगने के लिए कह रहे हैं उनके मानवाधिकार का ट्रैक रेकॉर्ड बेहद खराब है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां कानून का शासन है जबकि ईरान, कतर, सऊदी अरब जैसे इस्लामिक अपने अल्पसंख्यकों प्रताड़ित करते हैं। इन देशों में अगर आप अल्पसंख्यक हैं तो आपको जेल जाना पड़ सकता है, आपकी हत्या भी हो सकती है अगर आपने ईसाई, यहूदी या हिंदू बनने या इस्लाम छोड़ने की कोशिश की। इन देशों को अपने गिरेबांन में झांककर देखना चाहिए और भारत जैसे देशों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। इनमें से ज्यादातर देश ओआईसी के सदस्य हैं जो कहता है कि मानवाधिकार शरिया कानून के अधीन हैं। शरिया कानून बेहद क्रूर है जो अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन करता है जबकि भारत और हॉलैंड जैसे देशों में सभी एक समान हैं। नूपुर शर्मा ने जो पैगंबर मोहम्मद पर कहा, आप उससे सहमत हों या न हों लेकिन वह सच है। सभी जानते हैं, हदीस में कहा गया है कि मोहम्मद ने जब आयशा से शादी की तब वह सिर्फ 9 साल की थी। सच बोलने के लिए धमकियां मिलना और माफी की मांग करना हास्यास्पद है।

सवाल- क्या आपको लगता है कि नूपुर शर्मा का बयान किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए था?

जवाब- मुझे ऐसा नहीं लगता। मैंने टीवी क्लिप देखी है जिसमें उन्होंने वह बयान दिया था। एक शख्स हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ा रहा था, वह गुस्से में थीं और उन्होंने उसे जवाब दिया। मुझे नहीं लगता कि वह किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना चाहती थीं। अगर आप सच बोल रहे हैं तो आप किसी की धार्मिक भावनाओं को कैसे आहत कर सकते हैं? लोकतंत्र में आप अभिव्यक्ति की आजादी के रूप कानून के दायरे में रहते हुए किसी भी धर्म की आलोचना कर सकते हैं। भारत जैसे देश में सिर्फ अदालतों को सही गलत तय करने का अधिकार है इसलिए अगर नूपुर शर्मा ने कुछ गलत बोला है तो यह तय करने का अधिकार सिर्फ अदालत को है न कि उन देशों को जो उन्हें धमकी दे रहे हैं और भारतीय प्रोडक्ट्स का बहिष्कार कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत को ऐसी महिला पर गर्व होगा जिसने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और सिर्फ सच बोला है।

सवाल- दुनियाभर से विरोध के खिलाफ नूपुर शर्मा का समर्थन करने के बाद आपके देश या आपकी सरकार का आपके प्रति क्या रवैया है?

जवाब- मुझे इसकी परवाह नहीं है। मैं विपक्ष का नेता हूं। मैं सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का सदस्य हूं इसलिए मुझे इसकी परवाह नहीं कि सरकार मेरे बारे में क्या सोचती है। एक सांसद के तौर पर मैं सरकार की आलोचना करता हूं। मुझे उम्मीद है कि वे अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करेंगे।

सवाल- अल-कायदा ने भारत को धमकी दी है, आपको भी इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा है, इन्हें कितनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इनसे कैसे निपटना चाहिए?

जवाब- अल-कायदा, आईएसआईएस, तालिबान दुनिया के सबसे आपराधिक और आतंकवादी संगठन हैं। वे सिर्फ डर, हिंसा और आतंक की भाषा बोलते हैं। 10-15 साल पहले मैं उनकी हिटलिस्ट में शामिल था। मेरी सार्वजनिक स्वतंत्रता तब ही खत्म हो गई थी। मैंने घर छोड़ दिया और करीब 17 साल सेफहाउस में रहा। वे धमकाते हैं लेकिन बदले में हम उन्हें धमकी नहीं दे सकते। लोकतंत्र में विवादों को सुलझाने के तरीके अलग होते हैं लेकिन अगर आप किसी को धमकियां देने लगते हैं तो एक दिन आप अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को खो देंगे। इसलिए ये गंभीर हो सकती हैं लेकिन हम कभी आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं, नहीं तो हम अपनी आजादी को खो देंगे।

सवाल- क्या इस्लामोफोबिया भविष्य में दुनिया के लिए खतरा बन सकता है?

जवाब- मुझे समझ नहीं आता कि इस्लामोफोबिया क्या है? मेरा मानना है कि नूपुर शर्मा इस्लामोफोब नहीं हैं। दुनिया के लिए इस्लामिक विचारधारा खतरा है जो पूरी तरह असहिष्णु है। इस्लाम हर उस चीज के प्रति असहिष्णु है जो इस्लामिक नहीं है इसलिए इस्लामोफोबिया नहीं, इस्लाम दुनिया के लिए खतरा है।

सवाल- नूपुर शर्मा के बयान पर पाकिस्तान, अरब देश और तालिबान भी भारत को टारगेट कर रहे हैं, आप उन्हें क्या नसीहत देना चाहते हैं?

जवाब- मेरी नसीहत यही है कि भाड़ में जाओ। तुम्हें आइना देखने की जरूरत है, अपने ट्रैक रेकॉर्ड को देखने की जरूरत है कि तुम अपने नागरिकों, अल्पसंख्कों के साथ कैसा व्यवहार करते हो। भारत के पास जो है वह तुम्हारे पास नहीं है इसलिए अपने गिरेबान में झांको, आइना देखो और एक-दूसरे की या अपनी आलोचना करो। किसी लोकतंत्र पर या सच बोलने वाले पर उंगली मत उठाओ। इसलिए मेरी नसीहत यही है कि भाड़ में जाओ और अपने काम से काम रखो। प्रयास करो कि तुम्हारे देश और स्वतंत्र और लोकतांत्रिक बनें क्योंकि तुम लोग दुनिया के सबसे बड़े पाखंडी हो।

-एजेंसियां