‘द फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज़’ (FWICE) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुछ सरकारी अधिकारियों को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने कुछ पॉलिटिकल पार्टीज़ की शिकायत की है। FWICE ने अपनी शिकायत में कहा है कि कुछ नेता, प्रोड्यूसर्स और विदेशी डांस कोऑर्डिनेटर्स से पैसा वसूल रहे हैं। इसमें यह भी कहा गया कि फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे विदेशियों को यहां काम की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए।
प्रोड्यूसर की डिमांड पर काम करते हैं ये विदेशी कलाकार
यह चिट्ठी पीएम मोदी को तब लिखी गई है जब सेट पर से कुछ विदेशियों को हाल ही में लोकल पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। FWICE के Dispute Chairman गणेश्वरलाल श्रीवास्तव ने बताया कि ‘टूरिस्ट के तौर पर काफी सारे विदेशी यहां घूमने आते हैं। इनमें से जिन्हें वर्क परमिट मिला होता है वे फिल्मों के सेट पर काम करने के लिए रुक जाते हैं और प्रोड्यूसर की डिमांड पर काम करते हैं क्योंकि वे फिल्मों के गानों और कुछ सीन के लिए जरूरी भी होते हैं इसलिए को-ऑर्डिनेटर्स फिल्मों के लिए उन पर नजरें रखते हैं।’
पॉलिटिकल पार्टी के नेताओं की डिमांड पूरी करने के बाद भी उन्हें धमकाया जाता है
श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि कई पॉलिटिकल पार्टियों ने उनके प्रोड्यूसर्स और को-ऑर्डिनेटर्स से रंगदारी वसूलना शुरू किया है और अक्सर उनकी मांग पूरी करने के बावजूद वे प्रोड्यूसर्स को धमकाया करते हैं और FIR की धमकी देते हैं।
ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
श्रीवास्तव ने अपनी चिट्ठी में निवेदन किया है कि पॉलिटिकल पार्टीज़ के नाम पर रंगदारी वसूलने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। विदेशी कलाकारों के को-ऑर्डिनेटर ने बताया है कि फॉरन टूरिस्टों ने पिछले कुछ दिनों से फिल्मों में काम करना बंद कर दिया है।
पैसे ऐंठने के लिए राजनीतिक दलों के रसूख का इस्तेमाल
FWICE के अध्यक्ष बीएन तिवारी श्रीवास्तव कहते हैं, ‘हमारे सदस्यों से निर्माता जबरन विदेशियों को कास्ट करने के लिए मजबूर करते हैं। कभी-कभी तो बिना वर्क परमिट के ही विदेशी एक्टर्स को कास्ट करने के लिए दबाव रहता है। लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ समय में विदेशियों की गिरफ्तारी हुई है, को-ऑर्डिनेटर्स को चाहिए कि वो इस तरह से दबाव न डालें, भले ही वर्क परमिट भी क्यों न हो। साथ ही जो लोग पैसे ऐंठने के लिए आ रहे हैं, वे राजनीतिक दलों के नाम और रसूख का इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी को यह भी पता नहीं है कि उनके नाम पर हो रही इन गतिविधियों के बारे में पार्टियों के उच्चाधिकारियों को जानकारी है भी या नहीं।’
Compiled: up18 News
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