प्रयागराज महाकुंभ मेला को लेकर एक तरफ जहां योगी सरकार काफी तामझाम में जुटी है, वहीं साइबर अपराधी भी पीछे नहीं हैं। महाकुंभ मेला के मद्देनजर देश-विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। लोग अभी से होटल, टेंट और कॉटेज की बुकिंग भी कर रहे हैं। अब इसी का फायदा साइबर ठग उठाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रयागराज में होटल, टेंट और कॉटेज की बुकिंग के नाम पर लगातार फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से ठगी के प्रयास के मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर अब साइबर थाने की पुलिस ने ऐसी वेबसाइटों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। कल चार फर्जी वेबसाइटों को चिह्नित करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही इन वेबसाइटों को बंद कर दिया गया है। यह पांचवीं फर्जी वेबसाइट है, जिस पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
१८ नवंबर को साइबर थाना ने फर्जी वेबसाइट को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया था। महाकुंभ मेला में फर्जी वेबसाइट के माध्यम से पर्यटकों को होटल, कॉटेज, टेंट में बेहतर सुविधा देने के साथ ही वीआईपी स्नान करवाने का झांसा देकर कई फर्जी वेबसाइट चलाई जा रही है। लोगों से बुकिंग के नाम पर अच्छी-खासी रकम ऐंठी जा रही है।
साइबर सेल के उप निरीक्षक विनोद कुमार यादव ने पुलिस को बताया कि ऐसी चार फर्जी वेबसाइट को चिह्नित किया गया है, जिसके माध्यम से साइबर अपराधी बुकिंग के नाम पर श्रद्धालुओं को गुमराह कर ठगने का प्रयास कर रहे हैं। उक्त फर्जी वेबसाइट की जांच कर कार्रवाई करना आवश्यक है, ताकि तीर्थ यात्रियों को साइबर ठगी से बचाया जा सके।
महाकुंभ में फर्जी वेबसाइट बनाकर काटेज, होटल व टेंट आदि की बुकिंग करने वाले गिरोह का साइबर थाने की पुलिस ने कल पर्दाफाश किया है। गैंग के चार अपराधी पंकज कुमार, यश चौबे, अंकित कुमार व अमन कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नालंदा बिहार के गिरियक थानांतर्गत चोरसुआ निवासी पंकज कुमार ने ही पूरा गैंग तैयार किया।
डीसीपी नगर अभिषेक भारतीय ने बताया कि टीमें लगातार फर्जी वेबसाइटों पर नजर रख रही हैं। जो लोग इस पूरे प्रकरण में संलिप्त हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी। करीब ५० वेबसाइट साइबर पुलिस की रडार पर हैं। साइबर थाना पुलिस ने चार फर्जी वेबसाइटों के खिलाफ केस दर्ज किया। एफआईआर लिखने के बाद साइबर पुलिस की एक टीम ठगों की पहचान करने में लग गई है।
अब तक 35 लाख रुपये से अधिक की ठगी
साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वह महाकुुंभ से मिलते-जुलते नामों से फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। इसके माध्यम से कम पैसों में लग्जरी रूम, वीआईपी स्नान व दर्शन कराने का लालच देकर एडवांस के तौर पर उनसे रकम लेते थे। अब तक 100 से अधिक लोगों को 35 से 36 लाख रुपये की चपत लगा चुके हैं। वहीं, पुलिस ठगी के 20 हजार रुपये होल्ड करा चुकी है।
चारों आरोपियों में किसकी क्या भूमिका
1-नालंदा जिले के चोरसुआ गांव निवासी पंकज शिक्षक था। यूट्यूब समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ठगी संबंधी कई वीडियो देखकर ठगने की योजना बनाता था। उसके बाद अन्य आरोपियों के संपर्क में आकर ठगी से मिलने वाले पैसों को निकलवाने का काम करता था।
2-वाराणसी के थाना चौबेपुर गांव मुरीदपुर निवासी यश चौबे (20) बीकॉम किए है। वाराणसी स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में वेबसाइट बनाने का काम करता है। आरोपी पंकज से संपर्क में आने के बाद महाकुंभ से संबंधित वेबसाइट के नामों को तलाशने के साथ ही डोमेन खरीदने का काम करता था। इसके लिए उसे मोटा कमीशन मिलता था।
3-वाराणसी के चौबेपुर थाने के कादीपुर छीतमपुर गांव निवासी अंकित गुप्ता (24) भी बीकॉम किए है। वाराणसी स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में वेबसाइट बनाने का काम करता है। इसका मुख्य काम फर्जी वेबसाइट तैयार करने के बाद महाकुंभ संबंधी पेज डिजाइन करना था। ताकि, किसी को ये न पता चले कि वेबसाइट फर्जी है।
4-आजमगढ़ के बर्दा थाने के गांव ठेकमा खुर्द लसड़ा निवासी अमन (29) ने बीए संग वेबसाइट डिप्लाेमा किए है। यह भी वाराणसी स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है। इसका मुख्य कार्य फर्जी वेबसाइट का प्रचार-प्रसार करना है। साथ ही ग्राहकों को बुकिंग आईडी व बिल देने का कार्य करता था।
इन नौ वेबसाइटों से होती थी बुकिंग के नाम पर ठगी
1.www.kumbhcottagebooking.com
3.https://mahakumbhcottagesreservation.org/
4.https://jainmandiranddharamshala.in/
5.https://kumbdarshan.com/
6.https://mahakumbhfestival.com/
7. www.mahakumbhcottagebooking.org
8. www.mahakumbhtentbooking.org
9. www.mahakumbhtentreservation.com
साभार सहित
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