भारत के पूर्व क्रिकेटर सलीम दुर्रानी का 88 साल की उम्र में निधन

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क्रिकेट की दुनिया से जुड़े कई जाने-माने लोग सलीम दुर्रानी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.अपने ज़माने में भारत के बेहतरीन ऑलराउंडर माने जाने वाले सलीम दुर्रानी के बारे में कहा जाता है कि वो दर्शकों की मांग पर छक्का लगा दिया करते थे.

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और जाने-माने खिलाड़ी रवि शास्त्री ने उनकी एक पुरानी तस्वीर ट्वीट कर उन्हें याद किया है. क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने एक ट्वीट में लिखा कि समील दुर्रानी अर्जुन अवार्ड पाने वाले भारत के पहले क्रिकेटर थे.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी सलीम दुर्रानी को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने ट्वीट किया, “दिग्गज क्रिकेटर सलीम दुर्रानी के निधन की ख़बर सुनकर दुख हुआ. काबुल में जन्मे सलीम दुर्रानी लोगों को खुश कर देते थे और लोगों के पसंदीदा थे.”
सलीम दुर्रानी के 80वें जन्मदिन पर रेहान फ़ज़ल ने उनसे जुड़े कई दिलचस्प पहलुओं के बारे में बताया था. पढ़िए उनकी विवेचना.

अपने ज़माने में सलीम दुर्रानी भारत के सबसे अच्छे ऑलराउंडर माने जाते थे. लेकिन दुर्रानी इसलिए मशहूर थे क्योंकि वो दर्शकों की मांग पर छक्का लगाया करते थे.

साल 1973 में इंग्लैंड के भारत दौरे के दौरान जब उन्हें एक टेस्ट में नहीं खिलाया गया तो पूरे शहर में पोस्टर लग गए- ‘नो दुर्रानी, नो टेस्ट’.

सलीम दुर्रानी के क्रिकेट आंकड़ों पर नज़र दौड़ाई जाए तो वो बहुत मामूली लगते हैं… 29 टेस्ट, 1202 रन, एक शतक, 25.04 का औसत और 75 विकेट. लेकिन जिन लोगों ने उनके साथ क्रिकेट खेली है या उन्हें खेलते हुए देखा है, उनके लिए इन आंकड़ों से बड़ा झूठ कुछ नहीं हो सकता.

वो निश्चित रूप से भारत के सबसे प्रतिभावान और स्टाइलिश खिलाड़ियों में से एक थे. लंबे छरहरे शरीर और नीली आँखों वाले सलीम दुर्रानी जहाँ भी जाते थे लोग उन्हें घेर लेते थे. उनके बारे में मशहूर था कि वो दर्शकों की फ़रमाइश पर छक्का लगाते थे और वो भी उस स्थान पर जहाँ से छक्का लगाने की मांग आ रही होती थी.

लॉयड और सोबर्स को दो लगातार गेंदों पर आउट किया

वैसे तो वर्ष 1971 में वेस्ट इंडीज़ पर भारत की विजय का नायक सुनील गावस्कर और दिलीप सरदेसाई को माना जाता है लेकिन इसमें सलीम दुर्रानी की भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.

उन्होंने पोर्ट ऑफ़ स्पेन टेस्ट में दो लगातार गेंदों पर क्लाइव लॉयड और गैरी सोबर्स जैसे खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखाई थी. उस मैच के 43 साल बाद भी दुर्रानी को वो गेंद याद है.

दुर्रानी बताते हैं, “मुझे वो विकटें दिलवाने का श्रेय जयसिम्हा को जाता है. उन्हें मालूम था कि मैं तेज़ गति से स्पिन गेंदबाज़ी करता हूँ. उन्होंने वाडेकर को सलाह दी कि मुझे गेंद दी जाए. मेरी ललचाती हुई गेंद पर लायड ने जैसे ही शॉट लगाया, वो मिड ऑफ़ पर खड़े वाडेकर के हाथ में चिपक गया. अगली गेंद मैंने ऑफ़ स्टंप के बाहर बने रफ़ पर डाली. वो टर्न हुई और गैरी सोबर्स की लेग बेल ले उड़ी.”

सुनील गावस्कर अपनी आत्मकथा ‘सनी डेज़’ में लिखते है कि जब दुर्रानी ने सोबर्स को बोल्ड किया तो वो ज़ोर से उछले और करीब एक मिनट तक उछलते ही चले गए.

दुर्रानी याद करते हैं कि गावस्कर उनके पास हंसते हुए आए और बोले- अंकल यूं ही स्किपिंग करते रहोगे या मैच को आगे भी बढ़ने दोगे.

टाइगर पटौदी का ऑफ़ स्टंप उखाड़ा 

सलीम दुर्रानी के दोस्त और अपने ज़माने के मशहूर मीडियम पेसर कैलाश गट्टानी याद करते हैं कि एक बार राजस्थान और हैदराबाद के बीच रणजी ट्राफ़ी मैच हो रहा था.

हैदराबाद की ओर से टाइगर पटौदी बैटिंग कर रहे थे. कैलाश गट्टानी अपना पहला ओवर डाल चुके थे. जब वो दूसरे ओवर के लिए अपने बॉलिंग रन अप पर जा रहे थे, दुर्रानी ने उनसे कहा कि तुम थोड़ा आराम करो. मैं गेंदबाज़ी करूंगा. इसके बाद कैलाश गट्टानी शिकायत के अंदाज़ में कप्तान हनुमंत सिंह के पास गए.

हनुमंत ने कहा- अगर दुर्रानी ऐसा कर रहे हैं तो ज़रूर इसके पीछे कोई कारण होगा.

दुर्रानी ने नई गेंद से पटौदी को ऑफ़ स्टंप पर तीन गेंदे खिलाई और चौथी गेंद उन्होंने लेग स्टंप पर डाली जो स्पिन हुई और पटौदी का ऑफ़ स्टंप ले उड़ी. मैच पूरी तरह से पलट गया.

अगले ओवर में जब कैलाश गट्टानी अपनी फ़ील्डिंग पोज़ीशन पर जाने लगे तो सलीम ने कहा- ये लो पकड़ो अपनी गेंद और बाकी खिलाड़ियों को आउट कर लो.

परवीन बाबी के साथ एक्टिंग

टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के बाद मशहूर फ़िल्म निर्देशक बाबूराम इशारा ने सलीम दुर्रानी को अपनी फ़िल्म ‘चरित्र’ के लिए बतौर हीरो साइन किया.

दुर्रानी की हीरोइन थीं मशहूर फ़िल्म अभिनेत्री परवीन बाबी. यजुवेंद्र सिंह याद करते हैं, “सलीम दुर्रानी बहुत मज़े के आदमी थे. देखने में तो अच्छे थे ही इसीलिए उन्हे अभिनय का मौका भी मिला चरित्र फ़िल्म में. जब वो फ़िल्म की शूटिंग के बाद हैदराबाद आए तो हमने सोचा सलीम भाई से ट्रीट ली जाए क्योंकि हमें पता था कि उन्हें एक्टिंग के लिए 18,000 रुपये मिले हैं.”

“जब हमने ये फरमाइश उनके सामने रखी तो वो बोले- हमारे पास पैसा ही नहीं है. हमने कहा, हमें पता है आपको 18,000 रुपये मिले हैं. सलीम बोले वो पैसे तो हमने परवीन बाबी पर लुटा दिए. ऐसे ही थे वो… बिल्कुल बिंदास!”

Compiled: up18 News