दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जेल भेजा, CBI ने नहीं मांगी रिमांड

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पिछली सुनवाई पर सिसोदिया के वकील ने कहा था कि सिसोदिया को कस्‍टडी में रखने से कोई फायदा नहीं है। उनकी दलील थी कि एजेंसी की अक्षमता को रिमांड का आधार नहीं बनाया जा सकता। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई से कहा था कि कुछ नया पूछने को हो तो ही सिसोदिया से पूछें। सीबीआई का कहना था कि सिसोदिया सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

सिसोदिया को प्रताड़ित कर रही CBI: आप

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया को कस्टडी में रखकर सीबीआई उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है, ताकि वह झूठे कबूलनामे पर दस्तखत कर दें। पार्टी नेताओं ने इसके लिए बीजेपी और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

रविवार को AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीबीआई तो पहले दिन से कह रही है कि हमारे पास सारे सबूत हैं। फिर अब सीबीआई इस तरह से झूठे सबूत गढ़ने की कोशिश क्यों कर रही है और कोर्ट में यह क्यों कह रही है कि उनके पास शराब नीति का कैबिनेट नोट तक नहीं है। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस को भी लपेटे में लेते हुए कहा कि कांग्रेस विपक्षी एकता की पक्षधर नहीं है, बल्कि बीजेपी के साथ उसकी मौन सहमति है।

आतिशी ने कहा कि यह देश के लिए बड़ी चिंता की बात है। अगर मनीष सिसोदिया को कस्टडी में इस तरह से टॉर्चर किया जा रहा है, तो फिर ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। सीबीआई ने सिर्फ अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए झूठे आरोपों में मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया है।

सिसोदिया और जैन बीजेपी में चले जाते तो आज जेल में न होते: केजरीवाल

दिल्‍ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले कहा था कि अगर मनीष सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन उनका साथ छोड़कर बीजेपी में चले गए होते तो तो आज न तो वे जेल में होते और न ही उन पर कोई मुकदमा होता।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा वार करते हुए आरोप लगाया कि वे गैर बीजेपी शासित राज्य सरकारें गिराने के लिए सीबीआई व ईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री गवर्नरों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। यही हालत दिल्ली में भी है। यहां भी उपराज्यपाल देश के संविधान और सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते, ऐसे में देश कैसे चलेगा?

Compiled: up18 News