लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) के मुद्दे पर भी सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए जाति झुनझुना है। सरकार में रहकर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पीडीए भूल गये थे। उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर प्रदेश में परिवारवाद की अराजकता पैदा करने वाले इन लोगों के कारनामे किसी से छिपे नहीं है। अटल जी ने कहा था कि आदमी ना ऊंचा होता है ना नीचा होता है ना बड़ा होता है ना छोटा होता है। आदमी सिर्फ आदमी होता है। अगर यह समझ आप में होती तो आप विपक्ष में ना बैठे होते।
सीएम योगी ने राजू पाल और अखिलेश निषाद का जिक्र करते हुए विपक्ष से पूछा की क्या ये दोनों पीडीए के पार्ट नहीं थे। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के नाम पर बने स्मारकों को तोड़ने की बात सपा सरकार के जमाने में की जाती थी। कांशीराम और बाबा साहब के नाम पर बने संस्थानों के नाम सपा सरकार में बदले गए। सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला करते हुए प्रश्न किया कि जब गरीब के हक पर डकैती पड़ती थी,किसान और बेरोजगार आत्महत्या करता था तब पीडीए कहां था। उन्होंने कहा कि हम 2022 में अपने कार्यों को लेकर जनता के बीच गए। 2024 में जा रहे हैं और 2027 की तैयारी भी कर रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले सपा सरकार के दौर में प्रदेश दिशाहीन,अव्यवस्था और अराजकता का शिकार था। प्रदेश के बारे में लोगों की नकारात्मक धारणा थी। 2017 के बाद प्रधानमंत्री के विजन और लीडरशिप का परिणाम है कि प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर बनने की दिशा में बढ़ रहा है। आज यूपी देश में नंबर दो की अर्थव्यवस्था है। शीघ्र इसे नंबर एक पर पहुंचाएंगे। यूपी को लेकर धारणा बदली है। हम नकारात्मक सोच के साथ आगे नहीं बढ़ रहे। हम उन लक्ष्यों को लेकर चल रहे हैं जो प्रदेश के 25 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति कर सके। उन्होंने कहा कि गरीब,किसान,महिला और युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति हमारे लिए सबसे बड़ी जाति है।
Compiled: up18 News
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