बिहार में सियासी उथल-पुथल के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार का फ्लोर टेस्ट 24 अगस्त को होगा। वहीं, अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कृष्ण सिन्हा ने बड़ा बयान दिया है।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कृष्ण सिन्हा ने अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा है कि जब तक मैं इस पद पर हूं, बाहर बयान नहीं दूंगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सीएम ने पत्र भेज कर हमें विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है। इस बारे में सचिव के पास सारी जानकारी है, एक बार फाइल मिलने के बाद हम और जानेंगे। बिहार विधानसभा का विशेष सत्र 24 अगस्त को बुलाया जाएगा। विजय चौधरी ने कहा कि नियम के मुताबिक विधानसभा के बहुमत से पारित प्रस्ताव से अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है। विधानसभा में महागठबंधन के घटक दलों के जहां कुल 164 सदस्य हैं, वहीं भाजपा के 77 विधायक है।
गौरतलब है कि बिहार में ये सियासी बखेड़ा तब खड़ा हुआ जब सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया था। इसके बाद बुधवार को नीतीश कुमार ने सीएम पद और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ले ली थी।
नीतीश कुमार के बुधवार को रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अन्य पार्टियों के विधायकों ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल हटाए जाने की मांग की है। सत्ता पक्ष के सभी सात दलों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। बुधवार को इन दलों के नेता ने एक संयुक्त पत्र विधानसभा सचिव को सौंपा। उन्होंने इस संबंध में पत्र राज्यपाल को भी भेजा है।
राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने कहा कि राजद, जेडीयू, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम और हम ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार में नहीं है और राजग सदन का विश्वास खो चुका है तो फिर सिन्हा का विधानसभा अध्यक्ष बने रहना उचित नहीं है।
-एजेंसी
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