बिहार के फुलवारी शरीफ मामले को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA ने दो मुकद्दमे दर्ज किए हैं. इनमें एक मुकदमा गजवा ए हिंद और अहमद दानिश से संबंधित है. जबकि दूसरा मुकदमा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 11 जुलाई को पटना में प्रस्तावित यात्रा को लेकर गड़बड़ी फैलाने की आशंका से संबंधित है. इस मामले में अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार बताया गया है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने दोनों मामलों में आपराधिक षड्यंत्र और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की धारा समेत अनेक आपराधिक धाराएं जोड़ी है.
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस बाबत दर्ज एक मुकदमे में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना में 11 जुलाई 2022 को यात्रा होनी थी. इस दौरान गुप्त सूचना के आधार पर एक छापेमारी की गई. इस छापेमारी के दौरान अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को पकड़ा गया. छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए. जिनसे पता चलता था कि ये भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं.
व्हाट्सएप ग्रुप से मिले सुराग
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इस FIR का आधार फुलवारीशरीफ थाने में 12 जुलाई 2022 को दर्ज एफआईआर नंबर 827 को बनाया है. इस FIR में शिकायतकर्ता फुलवारी शरीफ थाने के इंस्पेक्टर इकरार अहमद खान हैं. इस FIR में कुल 26 संदेहास्पद लोगों के नाम दिए गए हैं.
इसी मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एक दूसरी एफआईआर भी की है. इसमें अहमद दानिश का नाम शामिल है जिसे पटना पुलिस ने 14 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था. उसके मोबाइल में से दो व्हाट्सएप ग्रुप मिले थे जो गजवा ए हिंद (Gajzwa e Hind) के नाम से थे. इन व्हाट्सएप ग्रुप का मकसद भारत में अशांति फैलाना था. एनआईए में दोनों ही मामलों की जांच लखनऊ शाखा को सौंपी गई है.
-एजेंसी
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