फीफा वर्ल्ड कप की शुरुआत आज से होने जा रही है. क़तर में विश्व कप की शुरुआत से पहले फीफा के प्रमुख ने मेज़बान देश की आलोचना करने के लिए पश्चिमी देशों को निशाने पर लिया है.
फीफा के प्रमुख गियान्नी इन्फेंटिनो ने क़तर के मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना करने वाले पश्चिमी देशों पर पाखंडी होने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को क़तर की नैतिकता पर सवाल उठाने से पहले अतीत में किए गए अपने कार्यों के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए.
फीफा के प्रमुख ने कहा, ”मैं यहां 6 सालों पहले आया था और मैंने प्रवासी मज़दूरों से जुड़े मुद्दे को अपनी पहली मीटिंग में उठाया था. इनमें से कितनी यूरोपीय या पश्चिमी व्यापारिक कंपनियां जो क़तर या अन्य देशों से करोड़ों कमाती हैं, हर साल अरबों, उनमें से कितनी ने प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों के बारे में सोचा है? या किसी अधिकारी ने? मेरे पास जवाब है, इनमें से किसी ने भी नहीं क्योंकि नियमों में किसी भी तरह के बदलाव का मतलब है कम फायदा होना. यानी एक अरब के बजाय आप शायद केवल नब्बे करोड़ कमा सकते हैं. लेकिन हमने किया और फीफा कतर की इन कंपनियों में से किसी की तुलना में बहुत कम पैसे जेनरेट करता है.”
क्या है मामला?
फ़रवरी 2021 में गार्डियन अख़बार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ क़तर ने जब से वर्ल्ड कप के लिए बोली जीती थी तब से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के 6,500 प्रवासी कामगारों की क़तर में मौत हो चुकी है. वहीं यहां समलैंगिक संबंध अवैध हैं.
कई प्रतिभागी देश प्रवासी मज़दूरों के साथ किए जा रहे बर्ताव और समलैंगिक अधिकारों को लेकर क़तर की आलोचना करते हैं.
Compiled: up18 News
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