सोमवार को किसानों ने पिपली अनाज मंडी में किसान रैली बुलाई थी, जिसमें कोई हल नहीं निकलने पर किसानों ने पिपली में गीता द्वार के पास नेशनल हाईवे-44 को जाम कर मोर्चा लगा दिया.
किसान नेता रमनदीप सिंह मान के अनुसार, “सोमवार को पिपली अनाज मंडी में किसान महारैली थी. करीब 25 हजार किसान पहुंच गए थे. एक बजे किसानों को फैसला सुनाना था, लेकिन तभी स्थानीय प्रशासन ने हमें कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों से बात करना चाहते हैं.”
हमने पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर एक दल मुलाकात के लिए करनाल भेजा. जब किसान पहुंचे तो हमें कहा गया कि सीएम चंडीगढ़ चले गए हैं. उसके बाद माहौल थोड़ा और गर्म हो गया.”
उन्होंने कहा कि “इसके बाद फैसला हुआ कि जब तक हमारी मांगें सरकार पूरी नहीं करेगी, हम चंडीगढ़ हाईवे से नहीं उठेंगे और हमने सोमवार दोपहर तीन बजे से हाईवे जाम कर दिया.”
रमनदीप सिंह ने कहा कि किसानों की दो मुख्य मांगे हैं. एक तो सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद करो और दूसरा पुलिस ने हमारे नेताओं को गिरफ्तार किया था, उन्हें रिहा करो.
उन्होंने बताया कि नेशनल हाईवे दोनों तरफ से रोका हुआ है, लेकिन इमरजेंसी वाहनों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जा रही है.
किसानों के लिए प्रदर्शन स्थल पर लंगर भी शुरू हो चुके हैं.
इससे पहले सूरजमुखी पर एमएसपी लागू कराने के लिए भारतीय किसान यूनियन(चढूनी) ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद 6 जून को शाहबाद में किसान महापंचायत बुलाई गई थी.
इसके बाद शाहबाद में किसानों ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया था, जिसे खाली कराने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था.
तभी से ये किसान नेता जेल में हैं, जिनकी रिहाई की मांग किसान कर रहे हैं.
Compiled: up18 News
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