मशहूर चेक-फ़्रेंच लेखक मिलान कुंदेरा का पेरिस में 94 साल की उम्र में निधन हो गया. मिलान कुंदेला लाइब्रेरी ने बुधवार को कहा का कि ‘एक लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को पेरिस के अपने घर में उनकी मौत हो गई.’
उपन्यासकार, कवि और लेखक मिलान कुंदेरा को कम्युनिस्ट शासन से असहमति के चलते देश छोड़ फ़्रांस जाना पड़ा और 1975 से ही वो वहां निर्वासित रह रहे थे.
कुंदेरा का जन्म चेकोस्लोवाकिया के बर्नो शहर में एक अप्रैल 1929 को हुआ था और पढ़ाई प्राग में हुई.
उनका सबसे मशहूर उपन्यास ‘द जोक’ है जिसमें एक नौजवान व्यक्ति की कहानी है जिसे एक साधारण से व्यंग पर यूनिवर्सिटी और कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया जाता है. यह उपन्यास 1967 में प्रकाशित हुआ था.
कुंदेरा खुद कम्युनिस्ट थे लेकिन 1968 में जब प्राग स्प्रिंग रिफॉर्म मूवमेंट शुरू हुआ और सोवियत सेना की अगुवाई में इसे कुचल दिया गया तो मौजूदा प्रशासन के प्रति उनका विरोध बढ़ गया.
उनका एक और उपन्यास द बुक ऑफ़ लाफ़्टर एंड फ़ार्गेटिंग के आने के बाद 1979 में उनकी चेक नागरिकता छीन ली गई. फ़्रांस ने 1981 में स्थाई नागरिकता दे दी थी.
Compiled: up18 News
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