वेस्ट यूपी में फैला नकली नोटों का कारोबार, गिरफ्तार तहसीम-नफीस ने खोले बड़े राज

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गिरोह के सदस्य हेरोइन और अन्य नशीले पदार्थों की भी सप्लाई करते हैं। गिरोह का सरगना कांधला का नफीस, तहसीम आईएसआई एजेंटों से मिलीभगत कर गिरोह को चला रहा है। हालांकि, अभी जांच एजेंसियां जांच में जुटी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंट दिलशाद मिर्जा से संपर्क के कारण ही पुलिस से लेकर जांच एजेंसियां गिरोह के सरगना नफीस को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।

हाल ही में पुलिस ने शामली के नौ कुआं रोड के रहने वाले बिलाल और तसलीम को गिरफ्तार किया है। दोनोंं के भाई इमरान को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पुलिस और जांच एजेंसियों की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं।

बताया कि वह सरगना नफीस से लेकर ही नकली नोटों को खपा रहे थे। जांच में पता चला है कि नफीस पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के एजेंटों के संपर्क में रहकर शामली के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब के लुधियाना, अमृतसर आदि जिलोंं में नकली नोटों को खपा रहा है। पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों की कॉल डिटेल और सोशल मीडिया एकाउंट भी खंगाल रही है। माना जा रहा है कि दोनों के मोबाइल से अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। दोनों के मोबाइलों को फॉरेंसिक जांच को भी भेजा जाएगा।

60 प्रतिशत तक कमिशन का दिया जाता था झांसा

पकड़े गए दोनों आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि नफीस उनसे अधिकतर मोबाइल पर ही बात करता था। वह नकली नोटों को चलाने के बदले 60 प्रतिशत तक कमिशन देता था। मेले और भीड़भाड़ वाले इलाकों में नकली नोटों को चलाया जाता था।

एसपी शामली अभिषेक ने बताया क‍ि गिरोह के सरगना नफीस, तहसीम आदि की तलाश में पुलिस और जांच एजेंसियां जुटी हुई है। गिरोह के संबंध में अहम सुराग हाथ लगे हैं। जल्द ही फरार आरोपी गिरफ्त में होंगे। क्राइम ब्रांच को भी गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में लगाया गया है।

– एजेंसी