हरियाणा: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगने का अनुमान है। वह 10 साल बाद सत्ता से बेदखल होने जा रही है और कांग्रेस बड़े बहुमत के साथ सरकार बन सकती है। आज तक-सी वोटर के एग्जिट पोल में यह अनुमान जाहिर किया गया है। पोल में कहा गया है कि हरियाणा में भाजपा को 37.2 फीसदी वोट ही मिलेंगे, लेकिन कांग्रेस को 43.8 फीसदी वोट का अनुमान है।
विश्लेषकों के अनुसार दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी चुनाव में साफ हो सकती है और इसी का असर है कि कांग्रेस को बड़ा बहुमत मिल रहा है। अनुमान के मुताबिक कांग्रेस को जेजेपी का वोट ही मिल रहा है, लेकिन भाजपा अपने वोटबैंक को रोकने में सफल रही है।
अब सीटवार बात करें तो आज तक के एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा को 20 से 28 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को 50 से 58 और अन्य को 10 से 14 सीटें मिल सकती हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के जीरो पर ही ठहर जाने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार दुष्यंत चौटाला का घाटा ही कांग्रेस के लिए फायदा बन रहा है। इसके अलावा आईएनएलडी एवं कुछ निर्दलियों को भी जीत मिल सकती है।
राज्य में 2014 से ही भाजपा की सरकार है और उसने 2019 में भी 40 सीटें हासिल करके सरकार बनाई थी। 2019 में भी भाजपा ने चुनाव से पहले किसी दल के साथ गठबंधन नहीं किया था। इसके अलावा 2024 में भी भाजपा अकेले ही चुनाव में उतरी है। पार्टी को लगता है कि दक्षिण हरियाणा और उत्तर हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत, यमुनानगर जैसे जिलों में उसे बढ़त मिल सकती है।
इसके अलावा कांग्रेस को सेंट्रल हरियाणा से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। इस इलाके में रोहतक, झज्जर, सिरसा, कैथल आदि इलाके आते हैं। कांग्रेस को लगता है कि इस जाट बेल्ट से उसे बड़ा समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा पूरे हरियाणा में ही किसान, पहलवान और जवान का नारा देकर कांग्रेस सत्ता में वापसी की तैयारी में है। इसी का संदेश देने के लिए कांग्रेस ने ओलंपिक पहलवान विनेश फोगाट को चुनाव में उतारा है। वह जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव में उतरी हैं। इसके अलावा भाजपा से सीएम नायब सिंह सैनी नारायणगढ़ सीट से उतरे हैं।
हिसार सीट से भाजपा ने कमल गुप्ता को मैदान में उतारा है, लेकिन यहां बगावत का भी सामना कर रही है। देश की सबसे अमीर महिला के तौर पर चर्चित सावित्री जिंदल भी यहां से उतरी हैं। वह सांसद नवीन जिंदल की मां हैं, जो भाजपा से कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से चुने गए थे। यही नहीं भाजपा को करीब एक दर्जन सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति कांग्रेस की भी है, लेकिन आखिरी दौर में राहुल गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं ने एकता कायम करने की कोशिश की थी। यहां तक कि राहुल गांधी ने तो भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा को एक मंच पर लाने की कोशिश की और दोनों के हाथ ऊपर उठाते हुए एक तस्वीर भी खिंचाई थी।
-एजेंसी
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