उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां ट्रेजरी कार्य़ालय में तैनात कर्मचारियों की मिलीभगत से मरने के चार साल बाद तक एक सेवानिवृत्त शिक्षक के नाम से पेंशन उठाती रही। खाते में पेंशन जारी होती रही है। जांच में मामले का खुलासा होने के बाद डीएम दिव्या मित्तल ने एक्शन लिया है।
डीएम ने सबंधित कर्मियों के विरुद्ध केस दर्ज कराने का निर्देश दिया है। लिपिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. तहसीलदार सदर केके मिश्र ने देर शाम अपनी जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी। इस मामले में शासन को भी पूरे मामले की रिपोर्ट भेज दी गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गौरीबाजार ब्लॉक के रसौली गांव के रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक बद्री नारायण राय का 18 नवंबर 2020 को निधन हो गया। निधन होने के बाद भी चार साल तक उनके नाम से पेंशन जारी होती रही। देवरिया ट्रेजरी विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार मृतक शिक्षक हर साल नवबंर में कार्यालय आकर जीवित प्रमाण पत्र जमा करते थे और पटल लिपिक सत्यापन भी करता रहा।
इसके बाद पेंशन की रकम खाते में आ जाती थी। इसके बाद एटीएम के जरिए पेंशन की निकासी होती रही। इसका खुलासा तब हुआ जब शिक्षक के दोनो पुत्रों में विवाद हुआ और इसकी शिकायत की गई। डीएम दिव्या मित्तल ने तहसीलदार केके मिश्र से जांच कराई तो चार साल पहले शिक्षक के निधन की पुष्टि हुई।
सहायक लेखाकार जितेन्द्र श्रीवास्तव को नोटिस दिया गया है। डीएम ने बताया कि दोषियों के खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश दिए गए है। इसमें संलिप्त कर्मचारियों को जल्द निलंबित किया जाएगा।
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