ब्रिटेन में केयर होम्स में बुजुर्गों की सुरक्षा की चिंता अब परिवार के लोगों को सताने लगी है। यही कारण है कि सुरक्षा को लेकर सख्त नियम बनाने की बात होने लगी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इधर, केयर होम्स की शिकायत करने पर बुजुर्गों को नोटिस थमाया जा रहा है।
इतना ही नहीं उन्हें बार-बार शिकायत होने पर बेदखल भी किया जा रहा है। हाल ही में केयर क्वालिटी कमीशन की एक रिपोर्ट के अनुसार केयर होम्स में वर्तमान में 3.6 लाख बुजुर्ग रह रहे हैं, जो कि कुल जनसंख्या का 1.4% हैं। इनमें से 6000 बुजुर्ग यानी एक प्रतिशत को नोटिस थमाकर खाली कराने की चेतावनी दी गई है।
एक स्टडी के मुताबिक इंग्लैंड में 70 बुजुर्गों में से एक को केयर होम्स छोड़ना पड़ा। खास बात तो यह है कि कुछ बुजुर्गों के साथ केयर होम्स में नस्लवादी दुर्व्यवहार हो रहा है।
केयर होम्स पर नहीं हो रही कार्रवाई
वहीं, कुछ बुजुर्गों को अपनी देखभाल के लिए एक विशेष व्यक्ति की जरूरत पड़ रही है। ऐसी स्थिति में भी बुजुर्गों को केयर होम्स से निकाला जा रहा है। हालांकि सरकार ने संसद में इस तरह के मामलों पर रोक लगाने के लिए एक रेंटर्स रिफॉर्म बिल पेश करने का वादा किया है, लेकिन इसने केयर होम्स के निवासियों की सुरक्षा के लिए कार्रवाई नहीं की है।
किंग्स हीथ के लॉर्ड हंट ने केयर होम्स के निवासियों की देखभाल के लिए अधिक कानूनी अधिकार देने के लिए पिछले साल एक बिल पेश किया था। उसमें प्रदाताओं को शिकायत के तीन महीने के भीतर नोटिस जारी करने से रोकने का उपाय भी शामिल था।
बुजुर्गों की हालत खराब हो, तो भी उन्हें निकाला जा रहा
डॉ. कैरोलिन ग्रीन ने कहा कि केयर होम्स बेदखली के आंकड़े कम आंके गए, क्योंकि 4 से अधिक बुजुर्गों को निकाले जाने के बाद एक संस्था से इसका रिकॉर्ड रखना बंद कर दिया गया था। केयर होम्स बुजुर्ग की हालत बिगड़ने के कारण या स्टाफ से रिश्ते खराब होने पर भी ऐसा कर रहे हैं।
Compiled: up18 News
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