छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम 3 दिनों से कोल कारोबारियों और आईएएस अधिकारियों के ठिकानों पर कार्रवाई में जुटी है। करीब 12 जगहों पर ईडी ने छापेमारी की है। जिसमें करीब चार करोड़ रुपये की नकदी, कीमती जूलरी और अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी की 70 से ज्यादा टीमें लगी थीं।
ईडी ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार को छत्तीसगढ़ के आईएएस समीर विश्नोई, इंद्रमणि समूह के सुनील अग्रवाल और फरार आरोपी सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार भी किया है। सूत्रों के मुताबिक आईएएस रानू साहू कथित तौर पर लापता थीं और उन्हें ईडी के सामने पेश होना होगा। ईडी अधिकारियों ने बुधवार को समीर विश्नोई से खदानों से मिले 25 रुपये प्रति टन कोयले के कथित कमीशन के संबंध में पूछताछ की।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार करोड़ कैश बरामद
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में छापा मारकर लगभग चार करोड़ रुपए की नकदी और जेवर बरामद किया है। सूत्रों ने बताया कि जब्ती की कार्रवाई सरकारी अधिकारियों और निजी लोगों से की गई है। उन्होंने बताया कि राजगढ़ की जिलाधिकारी रानू साहू के आधिकारिक आवास को केंद्रीय एजेंसी ने सील कर दिया है क्योंकि उनके परिसर की छापेमारी के दौरान वह मौजूद नहीं थीं।
आईएएस समीर विश्नोई समेत दो लोग गिरफ्तार
ईडी ने छत्तीसगढ़ में लगातार दो दिनों तक छापेमारी की और करीब 4 करोड़ रुपये बरामद किए। वहीं जांच टीम ने आईएएस समीर विश्नोई समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग केस में एजेंसी की ओर से छापेमारी करने वालों में आईएएस जेपी मौर्य और रानू साहू के घर भी शामिल हैं। ईडी की टीम ने तीन आईपीएस अधिकारियों के परिसरों की भी तलाशी ली। इससे पहले, जब रेड चल रहे थे तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे ‘राजनीतिक छापे’ करार दिया था।
आईएएस समीर विश्नोई कौन हैं
समीर विश्नोई आईएएस 2009 बैच के है। बीटेक सिविल इंजिनियर हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर के मूल निवासी हैं। 13 दिसम्बर 1982 को जन्म हुआ था। पहली पोस्टिंग बस्तर संभाग के कोंडागांव के कलेक्टर बने, खनिज संचालक रहे। कमिश्नर कमर्शियल टैक्स भी रहे चुके हैं।
कौन हैं आईएएस रानू साहू
आईएएस रानू साहू 2010 बैच की हैं। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में उनका जन्म हुआ था। मूल रूप से गरियाबंद की रहने वाली रानू साहू का सेलेक्शन पहले राज्य पुलिस सेवा के लिए हुआ था। बतौर DSP ज्वाइनिंग किया था। फिर IAS अफसर बनीं रानू साहू अभी रायगढ़ में पोस्टेड हैं, ये उनका चौथा जिला है। सबसे पहले उन्होंने कांकेर के कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाली थी, उसके बाद वो बालोद कलेक्टर बनी।
रायगढ़ की कलेक्टर हैं IAS रानू साहू
बालोद कलेक्टर के बाद रानू साहू को कई मंत्रालयों में अहम पद संभाला। उन्होंने पर्यटन मंडल के साथ-साथ जीएसटी कमिश्नर की भी जिम्मेदारी संभाली। उसके बाद उन्हें कोरबा का कलेक्टर बनाया गया। कोरबा में 1 साल से ज्यादा वक्त तक पदस्थ रहीं कलेक्टर रानू साहू की बेहतर कार्यशैली को देखते हुए रायगढ़ जैसे बड़े जिले की बागडोर सौंपी गई।
कौन हैं आईएएस जय प्रकाश मौर्य
जय प्रकाश मौर्य आईएएस 2010 बैच के हैं। उन्होंने एमए किया है। जन्म 28 अक्टूबर 1980 को हुआ, यूपी के रहने वाले हैं। अभी वर्तमान में संचालक खनिज, अतिरिक्त प्रभार एमडी खनिज विकास निगम हैं। इससे पहले सुकमा, धमतरी, राजनंदगाव के डीएम भी रह चुके हैं। डायरेक्टर माइनिंग और डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग भी हैं। जयप्रकाश मौर्य जब रायगढ़ के एडीएम और रानू साहू सारंगढ़ की एसडीएम थीं तब दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आए और शादी की।
-Compiled by up18 News
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