मोदी सरकार ने शुक्रवार शाम को दो हजार रुपये के नोट के चलन को बंद करने का फैसला लेकर एक बार फिर सभी को चौंकी दिया है। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पनगढ़िया ने कहा कि दो हजार के नोट वापस मांगने के आरबीआई के फैसले से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस कदम के पीछे का उद्देश्य अवैध धन की आवाजाही को मुश्किल बनाना है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा- “इस फैसले का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखेगा। दो हजार के नोट को बराबर कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोटों से बदल दिया जाएगा या जमा कर दिया जाएगा।”
पनगढ़िया ने कहा कि दो हजार रुपये का नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 प्रतिशत हैं। इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग अवैध लेनदेन में होता है।
बता दें कि आरबीआई ने शुक्रवार को दो हजार के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इस नोट को बैंकों में 30 सितंबर तक बदला जा सकेगा।
Compiled: up18 News
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