बॉडी ग्रीफ के मारे लोग …वास्तविकता को देख हो रहे नकारात्मक..

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बॉडी ग्रीफ (body grief) यानी अपने सालों पुराने शरीर को अपना आदर्श शरीर मानकर मौजूदा रूप के प्रति नकारात्मकता से भर जाना। दरअसल यह कहीं न कहीं हमारे मौजूदा सामाजिक मान्यताओं के चलते होता है। उम्र तो बस एक संख्या है कहना, कहने में बहुत आसान और सुनने में रोचक भले लगे, पर उम्र तो दिखेगी ही। फिल्मी हस्तियों को देखकर हमें लगने लगता है कि ये तो बूढ़े ही नहीं हो रहे हैं। जबकि हमारी तो कुछ साल पुरानी फोटो ही कितनी अलग लग रही है। देखिए इन सितारों को अच्छा और फिट दिखने के ही पैसे मिलते हैं। अच्छी सेहत और आकर्षक दिखना इनके काम का हिस्सा है। ये पर्दे या मीडिया के सामने अच्छा दिखने के लिए किस मनोस्थिति से गुज़रते हैं, उसके लिए कितनी मेहनत करते हैं, हमें इसका अंदाज़ा नहीं होता। फिर दूसरा सबसे बड़ा कारण है, विज्ञापनों की भूमिका। हमारे दिमाग़ में यह बात ज़बर्दस्ती भरी जाती है कि किस उम्र में हमें कैसा दिखना है। बीस की उम्र के बाद त्वचा और बालों का ध्यान कैसे रखना है, ताकि उम्र के अगले दशक में हम जवां बने रहें।

मध्य आयुवर्ग में ज़्यादा परेशानी

इसके लिए उम्र या लिंग की कोई सीमा नहीं है। आमतौर पर इसे मध्यम आयु यानी मिडिल एज लोगों की समस्या माना जाता है, पर किसी भी उम्र की महिला या पुरुष इससे परेशान रह सकते हैं। जिस तरह किशोरों में आजकल अपने किसी पसंदीदा ख़ास सितारे जैसा दिखने की ललक बढ़ी है, वे भी इस मानसिक समस्या से दो-चार होने लगते हैं। अगर एक बार आप इसके चक्कर में आ गए तो उम्र बढ़ने के साथ यह समस्या भी बढ़ती जाएगी, क्योंकि तब आपके बाल ज़्यादा सफेद होंगे, झुर्रियां और अच्छे से नज़र आएंगी। बॉडी ग्रीफ उन लोगों को भी परेशान करता है, जिन्हें अपनी काबिलियत पर भरोसा नहीं होता। उन्हें लगता है कि लोग उन्हें केवल तभी पसंद करेंगे, जब वे सुंदर और स्मार्ट दिखेंगे। जबकि सच्चाई यह है कि हमारा व्यवहार, हमारी अच्छाई, हमारी सच्चाई, हमारे काम, हमारी प्रतिभा जैसे गुणों के कारण लोग हमें पसंद करते हैं।

लक्षण 

अगर आप पुराने दिनों की अपनी तस्वीर की तुलना में ख़ुद को कमतर या अनाकर्षक मानते हैं।
हर बीतते दिन के साथ आप अपने शरीर और अपियरेंस को लेकर ज़्यादा ही सतर्क होते जा रहे हैं।
आजकल फोटो खिंचवाते समय आप कुछ ज़्यादा ही असहज महसूस करने लगे हैं।
स्कूल या कॉलेज के दिनों के दोस्तों से सालों बाद मिलने का आपके मन में कोई उत्साह नहीं रहा।
भारी मेकअप के बिना आप असहज महसूस करने लगती हैं।
बालों में आई हल्की-सी सफेदी से भी असहज होने लगे हैं। उन्हें छुपाने का हर जतन करते हैं।
सुंदरता बढ़ाने या वज़न कम करने का हर सुना-पढ़ा नुस्ख़ा आज़माने के लिए तैयार रहते हैं।
आपको लगता है कि कई दिनों से कोई आपकी तारीफ़ नहीं कर रहा है।

इसे दूर करने के तरीक़े

बॉडी ग्रीफ हो या दुख का कोई दूसरा कारण, सबसे पहले आपको यह समझना चाहिए कि दुनिया में एक साथ सबकुछ नहीं मिल सकता। जैसे-कॉलेज के दिनों में ऊर्जा और समय होता है, पर धनोपार्जन नहीं होता। कामकाजी ज़िंदगी में ऊर्जा और पैसा होता है, पर ज़िंदगी का लुत्फ़ उठाने के लिए समय नहीं होता।

रिटायरमेंट के बाद पैसा और समय होता है, पर ऊर्जा नदारद हो जाती है। ऐसे में आप हताश नहीं रह सकते। आपको विभिन्न परिस्थितियों के साथ सामंजस्य बिठाना होगा। ख़ुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा।

वहीदा रहमान, मिलिंद सोमन, रजनीकांत जैसे कितने ही फिल्मी सितारे हैं, जो पब्लिक में अपनी उम्र के अनुसार दिखते हैं। वहीदा रहमान ने तो एक फिल्म पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में खुलासा किया था कि उनके बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगे थे। हर 10 दिन में टचअप कराना होता था जो थका देने वाला अनुभव होता था।

एक बार अपने बीमार पति की देखभाल में उन्हें बालों को कलर करने का समय नहीं मिला और ख़्याल भी नहीं रहा। कुछ दिनों बाद वे जब अपने फिल्मी दुनिया के साथियों से मिलीं तो सब हैरान रह गए। ख़ैर, वहीदा रहमान ने बालों को कलर करना पूरी तरह से बंद कर दिया, पर उनकी ख़ूबसूरती में किसी तरह की कमी नहीं आई। इसी साक्षात्कार में उन्होंने आगे कहा, ‘जब आप सच को स्वीकार कर लेते हैं, तो ज़्यादा आराम से रहते हैं।’

ख़ुद को रखें सेहतमंद

कई लोग अपनी मौजूदा उम्र से बड़े दिखते हैं, यह भी उनका आत्मविश्वास कम करता है और बॉडी ग्रीफ का कारण बनता है। उम्र से अधिक दिखने के कई कारण हैं, अनियमित दिनचर्या, धूम्रपान, व्यायाम ना करना, अस्वास्थ्यकर खानपान, नींद पूरी ना होना, कोई लंबी बीमारी, निर्जलीकरण आदि। ऐसा नहीं है कि इन जीवनशैली संबंधी गड़बड़ियों को एक झटके में ख़त्म किया जा सकता है, बल्कि जीवनशैली में सुधार लाकर धीरे-धीरे सेहतमंद और जवां नज़र आ सकते हैं। अच्छी आदतों में शामिल हैं- नियमित व्यायाम, ध्यान, पौष्टिक खानपान, सोने-जागने की नियमित दिनचर्या, स्क्रीन टाइम कम करना, रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल न करना, तनाव मुक्त रहना, परिवार व दोस्तों के साथ वक़्त गुज़ारना आदि।

बालों की सफेदी और बढ़े हुए वज़न का बोझ मन पर उठा लेना समझदारी नहीं है। सच को स्वीकार करें। अपने शरीर को प्यार करें। हां, अपने शरीर को अपनी उम्र के अनुसार फिट रखने की कोशिश करें। यह ध्यान रखें कि किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या न हो। कौशल बढ़ाएं और लोगों की मदद करें। लोग आपसे प्यार करेंगे। हमें समय के साथ जवां नहीं, संतुष्ट और आत्मविश्वासी बनने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। बस इतना करें, आपकी मौजूदा तस्वीर अपने आप सुंदर बन जाएगी।

-एजेंसी