आगरा, 02 सितंबर। ताजनगरी और झीलों की नगरी उदयपुर के बीच सोमवार से वंदेभारत ट्रेन शुरू हो गई। यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चलाई जाएगी। आगरा के लिए यह तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। पहले दिन ही इस ट्रेन के संचालन में हल्का खलल पड़ा जब नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के कर्मचारियों ने हंगामा किया। उनका आरोप था कि आगरा के लोको पायलटों को कोटा से इंजन में नहीं चढ़ने दिया गया।
ट्रेन सं. 20981/20982 आगरा कैंट-उदयपुर सिटी वीकली वंदेभारत सुबह 5.45 बजे ट्रेन उदयपुर सिटी से चलकर दोपहर ढाई बजे आगरा पहुंची। उदयपुर से 67 यात्री यहां आए। आगरा कैंट पर यात्रियों का स्वागत स्टेशन डायरेक्टर राजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारियों ने किया। आधा घंटे बाद दोपहर तीन बजे ट्रेन पुनः आगरा से उदयपुर के लिए रवाना हुई। यहां से ट्रेन में 95 यात्री सवार हुए।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रेन के यहां पहुंचने पर नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन के कर्मचारियों ने हंगामा किया। यूनियन के उपाध्यक्ष विजयवीर सिंह ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन को कोटा से आगरा मंडल के लोको पायलट ब्रज मोहन व उनके साथी को लेकर आना था। लेकिन, कोटा मंडल से हमारे साथियों को वहां के स्टाफ ने इंजन में चढ़ने नहीं दिया। उन्हें जबरन दूसरे केबिन में बैठा दिया।
कोटा मंडल का स्टाफ अपने साथ कई लोगों को लेकर आया था। उन लोगों ने हमारे साथियों के साथ अभद्रता की। इससे यूनियन के लोग आक्रोशित हो गए। कोटा मंडल के स्टाफ ने लॉबी में अपना ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट भी नहीं कराया, जो हर लोको पायलट के लिए ट्रेन में चढ़ने से पहले अनिवार्य होता है। आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने लोगों को शांत कराया। आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशास्ति श्रीवास्तव का कहना है कि लोको पायलट को लेकर कुछ गलतफहमी हो गई थी, मामले को सुलझा दिया गया।