हाईस्कूल के 43 छात्र छात्राओं ने दायर की सामूहिक आरटीआई
आरटीआई की अर्जी न लेने पर बच्चों की अधिकारियों से तीखी नोंकझोंक
कोरोना महामारी के चलते हाईस्कूल के बच्चों को बिना अंक वाली मार्कशीट देकर प्रमोट कर दिया है। यह मार्कशीट बच्चों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। मार्कशीट में अंक दिलाने की मांग को लेकर छात्र छात्राएं विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में करीब चार दर्जन छात्र छात्राएं जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय आरटीआई के तहत अपने अंक जानने के लिए पहुंचे। आरटीआई कि आवेदक जमा करने को कहा तो कर्मचारी उन्हें टालने लगे। हर कोई उन्हें टरका रहा था।
इस पर वह डीआईओएस मनोज कुमार से मिले तो वो भी नाराज हो गये। उन्होंने कहा चले जाओ यहां से नहीं तो 112 डायल करके पुलिस बुला लूंगा। संयुक्त शिक्षा निदेशक महोदय ने कहा है। बच्चे और अधिकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। अंत में 43 छात्र छात्राओं के आवेदन पत्र रिसीव किए गए। 24 छात्राएं शामिल थीं।
बाल आयोग ने किया तलब
बच्चों को अंक दिलाने में बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस बच्चों की मदद कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में बच्चे अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। नरेश पारस की शिकायत पर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव और डीआईओएस को लखनऊ तलब किया। डीआईओएस की तरफ से पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल स्कूल के प्रधानाचार्य डा.गोपालदास शर्मा ने डीआईओएस की तरफ से पक्ष रखा।
ये रहे मौजूद
चीनी विमल, डौली, दिव्या सिंह, निधि, सुहानी, दिव्या माहौर, दीपेश कुमार, अनीकेत सेंगर, निखिल, प्रिंस, प्रशांत, अभिषेक नीलम, रोहित शाक्य, गुलशन, सलमान उस्मानी, कृष्णा गर्ग आदि छात्र छात्राओं ने आरटीआई दायर की।
-up18news
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