जम्मू-कश्मीर में बीजेपी पर जमकर बरसे दिग्‍विजय सिंह, कहा- हुकूमत यहां की समस्या का निदान नहीं करना चाहती

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दिग्विजय सिंह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की कोई रिपोर्ट संसद में नहीं रखी गई। कहते थे आतंकवाद समाप्त हो जाएगा। हिंदुओं का बोलबाला हो जाएगा लेकिन जब से धारा 370 हटी है, आतंकवाद बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हुकूमत यहां का फैसला नहीं कराना चाहती, यहां की समस्या का निदान नहीं करना चाहती। यह समस्या कायम रखना चाहती है ताकि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बनती रहें और लोगों में हिंदू-मुसलमान में नफरत फैलाते रहें।

पुलवामा हमले को लेकर पीएम मोदी पर सवाल

40 से ज्यादा हमारे सीआरपीएफ के जवान मारे गए। सीआरपीएफ के डायरेक्टर ने मांग की थी कि यह संवेदनशील जोन है। जवानों को हवाई मार्ग से श्रीनगर भेजा जाए लेकिन मोदी जी ने मना कर दिया। पुलवामा जो पूरी तरह से आतंकवाद का एक केंद्र बन चुका है। वहां हर गाड़ी की चेकिंग होती है। वहां एक स्कॉपियो गाड़ी उल्टी दिशा से आती है। उसकी पड़ताल क्यों नहीं हुई? वह आकर टकराती है और हमारे 40 जवान शहीद हो जाते हैं। आज तक इस घटना की जानकारी उन्होंने न ससंद में रखी न ही पब्लिक के सामने रखी।

राजौरी में आतंकी हमले पर भी बीजेपी पर बरसे

दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजौरी जिले के डांगरी गांव सहित हाल में हुए आतंकवादी हमले चिंताजनक हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी जम्मू स्थित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में आतंकवाद के पीड़ितों से मुलाकात के बाद की। इस दौरान सिंह के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा भी थे।

‘धारा 370 हटाने का सिर्फ बीजेपी को हुआ फायदा’

सिंह ने कहा, ‘सबसे पहले हम राजौरी के डांगरी गांव और जम्मू के नरवाल में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं। जम्मू-कश्मीर की स्थिति वह नहीं है जो अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद बताई जा रही थी। लक्षित हत्याएं और बम धमाके एक बार फिर शुरू हो गए हैं।’ एक और दो जनवरी को राजौरी के डांगरी गांव में हुए दोहरे आतंकवादी हमले में एक समुदाय विशेष के 7 लोगों की मौत हो गई थी जबकि शनिवार को जम्मू के नरवाल में हुए दोहरे धमाके में नौ लोग घायल हुए हैं।

सिंह ने कहा, ‘डांगरी गांव में हुए हमले में घायल एक व्यक्ति जीवन भर के लिए दिव्यांग हो गया है और सरकार ने उसे महज एक लाख रुपये दिए हैं। हम ऐसे पीड़ितों के लिए स्थायी पुनर्वास नीति चाहते हैं ताकि वे अपना जीवन बिना किसी पर निर्भर रहे बिता सकें।’

Compiled: up18 News