सूरत के हीरा व्यापारी की 9 साल की बेटी देवांशी ने लिया संन्‍यास, जैनाचार्य कीर्तियशसूरीश्वर महाराज से ले रही हैं दीक्षा

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आज यानी बुधवार को सुबह 6 बजे से उनकी दीक्षा शुरू हो चुकी है. देवांशी 35 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में जैनाचार्य कीर्तियशसूरीश्वर महाराज से दीक्षा ले रही हैं. देवांशी के परिवार के ही स्व. ताराचंद का भी धर्म के क्षेत्र में एक विशेष स्थान था. उन्होंने श्री सम्मेदशिखर का भव्य संघ निकाला और आबू की पहाड़ियों के नीचे संघवी भेरूतारक तीर्थ का निर्माण करवाया था.

देवांशी ने आज तक नहीं देखा टीवी

हीरा व्यापारी धनेश सांघवी की की दो बेटियों में देवांशी सबसे बड़ी हैं. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार देवांशी ने 367 दीक्षा समारोहों में भाग लिया और उसके बाद सांसारिक जीवन से संन्यास लेने के लिए प्रेरित हुईं हैं. परिवार के एक करीबी दोस्त ने कहा कि उसने आज तक कभी टीवी या कोई फिल्म नहीं देखी है. इतना ही नहीं वह कभी किसी रेस्टोरेंट में भी नहीं गई है.

धनेश संघवी का सालाना अरबों रुयपे का है कारोबार

धनेश संघवी ‘संघवी एंड संस’ के संस्थापक मोहन संघवी के इकलौते बेटे हैं. जो राज्य की सबसे पुरानी हीरा निर्माण कंपनियों में से एक है. कंपनी की दुनियाभर में ब्रांच हैं, जिसका सालाना कारोबार अरबों रुपये में है. यह सारा कारोबार बड़ी बेटी देवांशी के पास चला जाता, अगर उसने सन्यासी बनने का रास्ता नहीं चुना होता.

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धनेश के हीरा व्यापारी परिवार के पास भले ही रहने की लग्जरी हो लेकिन उन्होंने भी अपने घरों में सादा जीवन बिताया है. परिवार भी काफी धार्मिक है और देवांशी बचपन से ही दिन में तीन बार पूजा करने के नियम का पालन कर रही हैं. बता दें कि सन्यासी का रूप धारण करने को लेकर शहर में इस अवसर के लिए हाथियों, घोड़ों और ऊंटों के साथ एक बड़ा जुलूस निकाला गया.

Compiled: up18 News