नई दिल्ली। देहरादून एसटीएफ ने सबसे बड़े फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। छापे के समय 400 लोग काम कर रहे थे जिसमें से 14 लोगों को गिरफ्तार किया और बाकियों को पूछताछ का नोटिस देकर रिहा कर दिया। मौके से पुलिस को 1.26 करोड़ की नकदी भी बरामद हुई।
इसके अलावा 245 लैपटॉप और 61 कंप्यूटर बरामद किए गए जिसको पुलिस ने सीज कर दिया है। सूत्रों की मानें तो गर्वित नामक व्यक्ति मौके से आई -10 गाड़ी से 75 लाख नकदी लेकर पुलिस को चकमा देते हुए मौके से फरार हो गया जो अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस सूत्रों की मानें तो, पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले अक्षय, सुशील, राजन की तलाश में भी है जो छद्म नाम से यह काम करते हैं और इस षड्यंत्र में शामिल हैं
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह फ़र्ज़ी काल सेंटर संचालक दिल्ली, गुड़गांव, पंजाब के विभिन्न शहरों में ऐसे ही फ़र्ज़ी कॉल सेंटर चलाते थे किन्तु पुलिस की सख्ती के बाद इन्होंने देहरादून को अपना नया ठिकाना बनाया था।
इस कॉल सेंटर के जरिये विदेश में रह रहे लोगों को ठगा जाता था। उन्हें फर्जी तरीके से माइक्रोसॉफ्ट आदि की सेवाएं देने के नाम पर क्यूआर कोड के माध्यम से डॉलर मंगाए जाते थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह एक संगठित रैकेट है जिसके तार दिल्ली से जुड़े हैं और वहीं के कारोबारी के इशारे पर यह फ़र्ज़ी काल सेंटर संचालित हो रहा था। सूत्रों की माने तो अभी कई काल सेंटर और भी हैं जो दिल्ली और आसपास संचालित किये जा रहे हैं। इस फ़र्ज़ी इंटरनेशनल कॉल सेंटर के धंधे से कई हज़ार करोड़ की संपत्ति बिटकॉइन अथवा अन्य माध्यमों से दिल्ली और आसपास के राज्यों में इस रैकेट से जुड़े लोगों ने बना ली है। अब दिल्ली की कई एजेंसियों जिनमें आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के साथ कई अन्य एजेंसियों को जोड़कर इसकी तह तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
अब अदालत ने भी पकडे गए सभी आरोपियों की जमानत याचिका रद्द करते हुए कहा है की यह हज़ारों करोड़ का रैकेट चल रहा है और यह गंभीर अपराध है। इसकी सघन जाँच होने के बाद नए तथ्य सामने आएंगे इसके बाद अदालत सुनवाई करेगी। जबकि पुलिस को बारीकी से जांच करके बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने का मौखिक आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक मेरठ निवासी नितिन गुप्ता, दिल्ली निवासी उदित गर्ग और गर्भित, नोनी अपनी पहुंच का हवाला देते हुए कॉल सेंटर संचालित करवा रहे थे जो अब पार्टनर समेत सभी फरार हैं। सूत्रों ने बताया कि इन लोगों ने संचालकों से कहा था कि वे कभी पुलिस के छापे नहीं पड़ने देंगे। इसके लिए वे अच्छी-खासी रकम भी इन लोगों से ले रहे थे। हालांकि, अभी एसटीएफ ने इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया है।
-एजेंसी